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सुपरफास्ट एक्सप्रेस की टक्कर से ट्रैक्टर के उड़े परखचे चालक की मौत

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सुपरफास्ट एक्सप्रेस की टक्कर से ट्रैक्टर के उड़े परखचे चालक की मौत

रिपोर्ट अब्दुल वाहिद 

भदोही। पूर्वोत्तर रेलवे के माधोसिंह.हंडिया रेल खंड पर शनिवार को भोर उस समय चीख.पुकार शुरू हो गई जब मिट्टी लदे ट्रैक्टर से सुपरफास्ट डाउन लिच्छिवी एक्सप्रेस की जोरदार टक्कर ट्रैक्टर के परखचे उड़ गए। जब तक आस.पास के लोग मौके पर पहुंचते तब तक ट्रैक्टर चालक रोहित गौतम 21 वर्ष निवासी बारीपुर भी दम तोड़ चुका था। टक्कर के बाद लिच्छिवी एक्सप्रेस डाउन ट्रैक पर लगभग सवा घंटे खड़ी रही जिससे अन्य ट्रेनों के परिचालन पर काफी असर पड़ा।

जानकारी के उपरांत पहुंचे वाराणसी रेल मंडल के एडीआरएम रोशनलाल यादवए वरिष्ठ संरक्षा अधिकारी बालेंद्र पालए सहायक मंडल इंजीनियर श्रीमती मुक्ता सिंह, आरपीएफ प्रभारी रामबाग ने हालात से रूबरू होकर तकनीकी परीक्षण कराते हुए सवा घंटे से खड़ी लिच्छिवी एक्सप्रेस को गतंव्य की ओर रवाना कराया। इसके बाद पंचनामा कर शव को संयुक्त पुलिस टीम के साथ अंत्य परीक्षण के लिए भेजवाने की औपचारिकता निभाई और चिथड़े में विभक्त ट्रैक्टर को कब्जे में लेकर जांच को वरीयता दी। घटना वहां हुई जिस फाटक संख्या 46एसी से सड़क यातायात व्यवस्था पर्यटन स्थल सीतामढ़ी तो वाराणसी.प्रयागराज मुख्य हाईवे का सीधा जुड़ाव दिन.रात रहता है।

सूत्रों की मानें तो उक्त घटना अवैध मिट्टी खनन के चलते हुई और थाना.चौकी पुलिस सबकुछ जानती है। अवैध मिट्टी परिवहन करते ट्रैक्टर का चालक कान में लीड लगाया था। ट्रेन पासिंग के लिए बंद फाटक बूम को तोड़कर आगे बढ़ना लिच्छिवी एक्सप्रेस काल बन गई। बड़ी संख्या में एकजुट लोगों ने दबी जुबान यह कहने में हिचकिचाहट नहीं कि रेल खंड आधुनिकीकरण के बाद इस तरह की घटनाओं में इजाफा जनहित के विपरित है। घटना स्थल की स्थिति और सुपरफास्ट एक्सप्रेस के इंजन में फंस कर एक किमी तक घिसटने के बाद इंजन के पहिए को जाम करना डीरेल होने की संभावना भी जता रहा था।
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फाटक खुला था या बंदएआरोप. प्रत्यारोप जारी
भदोही। माधोसिंह.हंडिया रेल खंड पर रामकिशनपुर बसहीं स्थित फाटक संख्या 46एसी तटवर्ती कोनिया क्षेत्र के दर्जनों गांवों समेत छोटी-बड़ी बाजारों, सरकारी.निजी स्कूल-कालेज, अस्पताल, ब्लाक तक का सफर आसान कराता है। बावजूद इसके पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन रेल खंड आधुनिकीकरण के लगभग पांच वर्ष बाद भी न ओवरब्रिज बनवा सका न अंडरपास। शनिवार को भोर सुपरफास्ट डाउन लिच्छिवी एक्सप्रेस और मिट्टी लदे ट्रैक्टर की टक्कर ने फाटक खुला था या बंद था पर सवाल खड़ा किया ही तैनात कर्मचारी की कार्य प्रणाली को संदिग्ध करार देने में देरी नहीं की। मौके पर जुटे लोगों की मानें तो फाटक खुला रहने पर ट्रैक्टर चालक अप ट्रैक को पार कर डाउन ट्रैक की ओर बढ़ा होगा या अन्य दिनों की तरह फाटक मैन सांठ.गांठ यह कि ट्रेन दूर होने की स्थिति में मिट्टी लदे ट्रैक्टर को आर.पार कराने की चूंक घटना का कारण बना। अहम सवाल कि ट्रैक्टर से फाटक बूम में टक्कर होती तो बूम टेढ़ा होता और ट्रैक्टर के आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त नजर आता। बहरहाल दोनों ओर से हुई मानवीय चूंक ने सारा दारोमदार मिट्टी लदे ट्रैक्टर व चालक पर सुपरफास्ट एक्सप्रेस ने ठोंक कर कसर निकालने में देर नहीं की।
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रेल मंडल प्रशासन जारी किया यह बयान
भदोही। घटना स्थल का निरीक्षण व परीक्षण कर लौटे रेल अधिकारियों की रिपोर्ट के सापेक्ष रेल मंडल प्रशासन ने बयान जारी कर दिया। जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि वाराणसी.प्रयागराज रेल खंड के माधोसिंह-हंडिया सेक्शन में भीटी.ज्ञानपुर रोड स्टेशनों के मध्य किमी सं.276-22.20 पर स्थित समपार फाटक सं.46 एसी जो बंद था सुबह 04ः32 बजे एक मिट्टी ओवर लोडेड अनियंत्रित ट्रैक्टर ट्रॉली रेलवे क्रासिंग का बूम तोड़ते हुए अंदर घुस गई और प्रयागराज से वाराणसी आ रही डाउन लिक्ष्वी एक्सप्रेस 14006 के कैटल गार्ड से टकरा गई। संरक्षा के दृष्टिकोण से प्रयागराज रामबाग.वाराणसी रेल खंड पर सभी रेलवे फाटक मानवित्त और इंटरलॉक्ड हैं। इस रेल खंड के सिग्नल तभी ग्रीन होते हैं जब गेट बन्द और लॉक हो। इस प्रक्रिया में गेट बन्द कर प्राइवेट नंबर से लॉक कर नजदीकी स्टेशन पर चाभी ईकेटी के माध्यम से स्टेशन मास्टर को दे दी जाती है जो ट्रेन पास होने के उपरांत ही वापस मिलती है और गेटमैन गेट खोल पता है। गेट खुले होने पर सिगनल हर दशा में लाल ही रहेगा और गाड़ियों का संचलन नहीं संभव होगा।

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