
“योगः कर्मसु कौशलम्” — जोसफाइट्स ने योग दिवस पर अपनाया योग का जीवन-दर्शन
"योगः कर्मसु कौशलम्" — जोसफाइट्स ने योग दिवस पर अपनाया योग का जीवन-दर्शन
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जोसफाइट्स ने किया भोर में योगाभ्यास, प्राचार्य स्वयं हुए सहभागी
"योगः कर्मसु कौशलम्" — अर्थात्, योग है कर्मों में उत्कृष्टता। यह भगवद्गीता का श्लोक न केवल शारीरिक अभ्यास की ओर इंगित करता है, बल्कि यह जीवन को सजगता, अनुशासन और निष्ठा से जीने की प्रेरणा देता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में सेंट जोसेफ्स कॉलेज, प्रयागराज में प्रातः 5:30 बजे योग सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत एक शांति प्रार्थना से हुई:
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शनेः शनेरुपरमेद् बुद्ध्या धृतिगृहीतया।
आत्मसंस्थं मनः कृत्वा न किञ्चिदपि चिन्तयेत्॥
"मन को धीरे-धीरे बुद्धि व धैर्य से संयमित करते हुए आत्मा में स्थिर कर लो, फिर किसी और विचार में न उलझो।"
योग सत्र में ताड़ासन, वीरभद्रासन, भुजंगासन, हलासन, ...