पुनरुत्थान मसीह विश्वास की आधारशिला है – बिशप मोरिस एडगर दान
धूम-धाम से मनाया गया ईस्टर। क़ब्रिस्तानों में पूर्वजों की क़ब्रों को किया रोशन
रिपोर्ट कुलदीप शुक्ला
यीशु मसीह के पुनरुत्थान के अवसर पर आल सेन्ट कैथेड्रल मैं हुई विशेष प्रार्थना सभा में बिशप दान उपस्थित रहे तथा उन्होंने प्रभु भोज भी दिया।
इस अवसर पर सभी लोगों को पुनरुत्थान दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए हुई बिशप दान ने बताया कि यीशु मसीह ने अपने जीवन तथा मृत्यु द्वारा परमेश्वर की महिमा की। उनकी पुनरुत्थान से संसार एवं भक्तों को जीवन मिला तथा अनंत जीवन की आशा और विश्वास कलीसिया में स्थापित हुआ। जीवित परमेश्वर हमारे साथ रहते हैं हमारे साथ की यात्रा करते हैं
उनका आशीर्वाद और प्रेम हमारे जीवनों एवं समाज को सशक्त बना रहा है।
प्रयागराज
रविवार को ईस्टर पर्व की शुरुआत भोर में डॉन सर्विस से की गई जिसमें येशु मसीह के पुनरुत्थान को नाटक विमोचन के द्वारा दर्शाया गया । इसी क्रम में शहर के ऐतिहासिक गिरजाघर ऑल सैंट कैथेड्रल में भी भोर के समय लोगों ने हाथों में मोमबत्तियाँ लेकर येशु के पुनः जीवित होने की ख़ुशिया मनाई । कार्यक्रम का संचालन रेव डॉ० विनीता इसुबियस द्वारा किया गया । इस मौक़े पर चर्च के सदस्यों के साथ युवाओं ने भी सुंदर गीत प्रस्तुत किए जिसके बाद सुबह 9:30 बजे ईस्टर चर्च सर्विस डायोसिस ऑफ लखनऊ के बिशप मोरिस एडगर दान द्वारा संबोधित की गई ।
उन्होंने बताया बाइबिल का अध्याय 1 कुरुन्थियों 15:12-19 में पौलुस कहते हैं कि मसीही विश्वास का सारा दारोमदार प्रभु यीशु के शारीरिक पुनरुत्थान पर टिका हुआ है। यदि मसीह मरे हुओं में से जी नहीं उठा होता तो, मसीही विश्वास व्यर्थ है, और प्रेरितों की शिक्षा व्यर्थ है, और कलीसिया अभी भी पाप में पड़ी रहती, और जो मसीह में जो सो चुके हैं वो सभी नाश हो गए होते। यही विश्वास ईसाइयों को समस्त धर्मों से अलग करती है।
प्रभु यीशु मसीह की मृत्यु और पुनरुत्थान ही यह प्रमाणित करता है, कि वही इस जगत का उद्धारकर्ता और मुक्तिदाता है। इस बात से साबित होता है यदि वह मृत्यु को परास्त कर जीवित हो गया तो उस पर विश्वास करने वाले भी जीवित हो जाएंगे। जैसा कि उसने स्वयं कहा था। बिशप मोरिस एडगर दान ने विशेषकर युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमे प्रतिदिन अपना पुनरुत्थान करने की आवश्यकता है। हम जो अपने माता-पिता, भाई-बहनों और पति-पत्नी से झगड़ते हैं और उनका आदर नहीं करते हैं यह सब बाते हमे मसीही जीवन से दूर धकेलती हैं ।
यदि हम वाक़ई प्रभु यीशु के जीवन से कुछ सीखना चाहते हैं तो उसके लिए हमे बीती बातों को भूलकर अपना पुनरुत्थान करने की आवश्यकता है। इसी दौरान पापंगीकार की प्रार्थना की हुई और होली कम्यूनियन दिया गया। वहीं म्योराबाद स्थित सैंट पीटर चर्च में पादरी प्रवीन मैसी की अगुवाई में ईस्टर चर्च सर्विस की गई जिसमें सभी ने बढ़ चढ़ कर अपना सहयोग दिखाया। चर्च को बेहद खूबसूरत रंग बिरंगी झालरों से सजाया गया जो हर राह गीर को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। ईस्टर सर्विस के दौरान बाइबिल का अध्याय मत्ती 28:1-8, मरकुस 16:1-4 का पाठ किया गया। पादरी प्रवीन मैसी ने वचन को साझा करते हुए बताया कि यीशु मसीह का पुनरुत्थान मसीही जीवन और विश्वास को दृण करता है। प्रभु यीशु का जीवन अंधकार में एक उजियारे की तरह था जो मनुष्य जाति के उद्धार के लिए हुआ है। काटज़ू रोड स्थित सैंट जॉन्स चर्च में ईस्टर के मौक़े पर ईसाई समुदाय में ख़ुशी देखी गई। चर्च संडे स्कूल के बच्चों ने शिक्षिका ऋचा ऐलिस नाथ तथा सिल्विया प्रसाद के मार्गदर्शन में हर अंधेरे का उजाला तू… जैसे मधुर गीत तथा मनभावन नृत्य प्रस्तुत किया । चर्च के पादरी विलियम एच प्रसाद ने मसीही जीवन और यीशु के पुनरुत्थान पर मनन करते हुए बेहद विशेष बाते बताईं साथ ही बच्चों और बुजुर्गों को धन्यवाद ज्ञापित किया सभी चर्चों में ईस्टर चर्च सर्विस के बाद लोगों ने एक दूसरे को पर्व की शुभकामनाएँ दिया और सेल्फ़ी खिंचाई। बिशप मोरिस एडगर दान ने भी बच्चों के साथ जम कर मस्ती किया और प्रशासन को भी धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान प्रिन्सिपल संजीत लाल, नम्रता लाल, कमला सिंह, प्रियदर्शिनी सिंह, डॉ०विशाल सिंह, ऐलन दान, प्रेक्षा दान, विमल प्रसाद, मेविस प्रसाद, डॉनल्ड डेविड, अजय ग्रे, रॉयल प्रसाद, डीके घोष, रीता श्रीवास्तव, जसवंत डेनियल, अजय मसीह, आशीष विल्सन, मुदित मोहनश्रीवास्तव, अजय डेविड, संगीता हक़, आकाश त्रिपाठी,सुनील वर्मा, राकेश आदि मौजूद थे।