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विश्व हृदय दिवस 2024: केंद्रीय अस्पताल, प्रयागराज में जागरूकता अभियान सफलतापूर्वक सम्पन्न

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विश्व हृदय दिवस 2024: केंद्रीय अस्पताल, प्रयागराज में जागरूकता अभियान सफलतापूर्वक सम्पन्न

 

रिपोर्ट कुलदीप शुक्ला 

प्रयागराज, एन सी आर के केंद्रीय अस्पताल, प्रयागराज में विश्व हृदय दिवस 2024 का आयोजन मुख्य सम्माननीय अतिथि डॉ. एस.पी. शर्मा (CMS/प्रयागराज) की उपस्थिति में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस आयोजन में डॉ. कल्पना मिश्रा (ACHD/प्रशासन) की उपस्थिति भी बेहद महत्वपूर्ण रही, जिनके योगदान और उपस्थिति के प्रति अस्पताल और सभी उपस्थित लोगों ने गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. एम. कुमार (ACHD/जनरल मेडिसिन) थे, जिन्होंने हृदय रोगों की रोकथाम, शीघ्र पहचान और प्रभावी प्रबंधन के महत्व पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। इस वर्ष का थीम “Use Heart for Action” हमें हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और हृदय रोगों की रोकथाम, शीघ्र पहचान और उनके प्रबंधन के लिए कार्रवाई करने की दिशा में प्रेरित करता है।

हृदय रोग: एक गंभीर स्वास्थ्य संकट
हृदय रोग दुनियाभर में मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है, जिससे हर साल लगभग 18 मिलियन लोगों की मृत्यु होती है। भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में भी इसका प्रभाव गहरा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, इस क्षेत्र में प्रति वर्ष 3.9 मिलियन लोग हृदय रोगों से अपनी जान गंवाते हैं, जो क्षेत्र में होने वाली कुल मौतों का 30% है। इनमें से लगभग 48% मौतें समय से पहले होती हैं, यानी 70 साल की उम्र से पहले।

हृदय रोगों के मुख्य कारण
हृदय रोगों का मुख्य कारण अनियमित जीवनशैली और स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही है। भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में हृदय रोगों के बढ़ते मामलों के लिए निम्नलिखित कारण प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं:

1. धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन: तम्बाकू का सेवन हृदय रोगों के प्रमुख कारणों में से एक है।

2. अस्वस्थ आहार: उच्च मात्रा में नमक, ट्रांस-फैटी एसिड और संतृप्त वसा का सेवन हृदय रोगों की संभावना को बढ़ाता है।

3. शारीरिक निष्क्रियता: सक्रिय न रहने से मोटापा और मधुमेह का जोखिम बढ़ता है, जो हृदय रोगों का कारण बनता है।

4. अत्यधिक शराब का सेवन: अधिक मात्रा में शराब पीना भी हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

 

इन कारणों से रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, और ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है, जो हृदय रोगों को उत्पन्न करने में सहायक होते हैं।

भारत का परिदृश्य
भारत में हृदय रोगों का संकट बहुत गम्भीर है। प्रत्येक चार वयस्कों में से एक को उच्च रक्तचाप और दस में से एक को मधुमेह की समस्या है। दुर्भाग्यवश, उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित 15% से भी कम लोग सही उपचार प्राप्त कर रहे हैं। इसके अलावा, भारत सरकार ने 2025 तक 75 मिलियन लोगों को उच्च रक्तचाप और मधुमेह के प्रभावी उपचार के दायरे में लाने का लक्ष्य रखा है, जो दुनिया में इस प्रकार का सबसे बड़ा स्वास्थ्य अभियान है।

हृदय स्वास्थ्य की दिशा में कदम
हमें हृदय स्वास्थ्य की रक्षा के लिए निम्नलिखित उपायों पर ध्यान केंद्रित करना होगा:

1. जीवनशैली में सुधार: स्वस्थ आहार लें, जिसमें फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज अधिक मात्रा में हों, और नमक, शर्करा और वसा का सेवन कम करें। धूम्रपान छोड़ें, शराब का सेवन सीमित करें और नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

2. समुदाय और राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास: सरकार और सामाजिक संगठनों को मिलकर स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहन देने के लिए नीतियाँ बनानी चाहिए। तम्बाकू नियंत्रण, नमक और ट्रांस-फैट की मात्रा को नियंत्रित करना आवश्यक है।

3. प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की मजबूती: उच्च रक्तचाप, मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रॉल के परीक्षण और प्रबंधन के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल को मजबूत करना आवश्यक है, जिससे बीमारी की रोकथाम और शीघ्र उपचार संभव हो सके।

4. डिजिटल समाधान और सामूहिक प्रयास: डिजिटल हेल्थ सॉल्यूशंस का उपयोग कर उच्च रक्तचाप और मधुमेह की देखभाल में सुधार लाना चाहिए। साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने और उपचार की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निजी और सरकारी क्षेत्र के बीच सहयोग बढ़ाना आवश्यक है।

 

डॉ. कल्पना मिश्रा की महत्वपूर्ण भूमिका
इसके बाद डॉ. कल्पना मिश्रा (ACHD/प्रशासन) ने कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए देखभालकर्ताओं के मानसिक और सामाजिक समर्थन की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस रोग से पीड़ित व्यक्तियों की देखभाल में देखभालकर्ताओं का समर्पण अत्यंत आवश्यक है और समाज को उनके समर्थन में कार्य करना चाहिए।

स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
इसके अतिरिक्त, 30 सितंबर 2024 को केंद्रीय अस्पताल, प्रयागराज में विश्व हृदय दिवस के अवसर पर एक स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन भी किया गया। इस शिविर में कुल 96 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिनमें 9 लोग उच्च रक्तचाप (HTN) और 7 लोग मधुमेह (DM) से पीड़ित पाए गए। यह शिविर हृदय रोगों की पहचान और शीघ्र उपचार सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा।

निष्कर्ष
इस विश्व हृदय दिवस पर, हम सभी से अपील करते हैं कि अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, नियमित जांच कराएं और हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें। “Use Heart for Action”—यह थीम हमें यह सिखाती है कि हर छोटा कदम भी हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

इस कार्यक्रम में डॉ. रोहित कुमार भी उपस्थित थे, जिन्होंने देखभालकर्ताओं के समर्पण को प्रेरणादायक बताया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य फार्मासिस्ट राज कुमार, मुख्य नर्सिंग अधीक्षिकाएं मोडेस्टा सीता और सुमंती, तथा स्वास्थ्य शिक्षक श्रवण का विशेष योगदान रहा। उनके सामूहिक प्रयासों से यह कार्यक्रम न केवल हृदय रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सफल रहा, बल्कि समाज में सकारात्मक संदेश का प्रसार भी किया गया।
इस आयोजन ने केंद्रीय अस्पताल, प्रयागराज में हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ, जीवनशैली में सुधार और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में एक नई पहल को जन्म दिया। “Use Heart for Action” के इस संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए हम सभी को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है।

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