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मुक्त शैक्षिक संसाधन एक उपयोगी माध्यम- प्रोफेसर ओमजी गुप्ता मुविवि में तीन दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ

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  • मुक्त शैक्षिक संसाधन एक उपयोगी माध्यम- प्रोफेसर ओमजी गुप्ता
  • मुविवि में तीन दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज एवं सेमका, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम ऑन कंटेंट डेवलपमेंट यूजिंग ओईआर विषयक त्रिदिवसीय कार्यशाला मंगलवार को मुक्त विश्वविद्यालय के सरस्वती परिसर स्थित लोकमान्य तिलक शास्त्रार्थ सभागार में प्रारंभ हुई।
कार्यशाला की मुख्य वक्ता डॉ बरनाली राय चौधरी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस मुक्त विश्वविद्यालय, कोलकाता ने एजुकेशनल रिसोर्सेस के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने विभिन्न लाइसेंस लेने की प्रक्रिया तथा कॉपीराइट एक्ट के बारे में विस्तार से बताया। डॉ चौधरी ने कहा कि आज हमें समानता एवं बराबरी पर नहीं बल्कि हिस्सेदारी पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रबंधन अध्ययन विद्या शाखा के निदेशक प्रोफेसर ओम जी गुप्ता ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय के लिए ओ ई आर एक उपयोगी माध्यम है। जहां हम अपनी पाठ्य सामग्री एवं दूसरी संस्थाओं की पाठ्य सामग्री का व्यापक एवं सुचारू रूप से अध्ययन कर सकते हैं।
कार्यशाला में ऑनलाइन जुड़े कामनवेल्थ ऑफ लर्निंग के सीनियर प्रोजेक्ट ऑफिसर मानस पाणिग्रही ने ओ ई आर की महत्ता पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने हो यार की उपयोगिता बताते हुए कहा कि इसमें अध्ययन, अध्यापन, अनुसंधान आदि के लिए उपयोगी लाइसेंस मुक्त टेक्स्ट, मीडिया और अन्य डिजिटल वस्तुओं का समावेश है मुक्त शैक्षिक संसाधनों में पूरे कोर्स, कोर्स सामग्रियां, मॉड्यूल, पाठ्य पुस्तक, वीडियो लेक्चर, शैक्षिक सॉफ्टवेयर तथा अन्य साधन सामग्रियां और तकनीकों को भी शामिल किया गया है। जिनका उपयोग ज्ञान प्राप्ति में सहायक होता है।
त्रिदिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर अतिथियों का स्वागत आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चित प्रकोष्ठ सीका के निदेशक प्रोफेसर आशुतोष गुप्ता ने किया। कार्यक्रम के बारे में कार्यक्रम संयोजक डॉ राम जन्म मौर्य ने विस्तार से जानकारी दी। संचालन डॉ ज्ञान प्रकाश यादव ने किया। कार्यशाला की आख्या डॉ गौरव संकल्प एवं डॉ अरविंद कुमार मिश्रा ने प्रस्तुत की। कार्यशाला में विश्वविद्यालय के 60 से अधिक शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं। आज दो सत्र आयोजित किए गए। कार्यशाला का समापन 21 जुलाई 2022 को होगा।

 

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