प्रदेश में चल रही विकास की विभिन्न परियोजनाओं से स्टील की मांग एवं खपत में भारी वृद्धि हुई हैः नंदी
रिपोर्ट:कुलदीप शुक्ला
*इस्पात मंत्रालय भारत सरकार द्वारा विज्ञान भवन दिल्ली में आयोजित सम्मेलन में उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए शामिल हुए मंत्री नन्दी*
*कोयला, आयरन ओर ऑदि रॉ मैटेरियल दूसरे राज्यों से मंगाने के कारण बढ़ती है लागत:नन्दी*
*दूसरे राज्यों के खनन क्षेत्रों से रॉ मैटेरियल के ट्रांसपोर्टेशन एवं लॉजिस्टिक्स में होता है भारी व्यय*
*स्टील उद्योग से सम्बंधित विभिन्न इकोफ्रेंडली टेक्नोलॉजी को उत्तर प्रदेश के साथ साझा किए जाने की है जरूरत:नन्दी*
*मंत्री नन्दी ने स्टील उत्पादन क्षेत्रों में अग्रणी उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखण्ड राज्यों के साथ इंटर स्टेट मीटिंग आयोजित किए जाने का रखा प्रस्ताव*
उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी मंगलवार को विज्ञान भवन नई दिल्ली में इस्पात मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित राज्यों के उद्योग, खान, इस्पात मंत्रियों के सम्मेलन में उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए शामिल हुए। जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की। मंत्री नन्दी ने देश में स्टील उद्योग को प्रोत्साहित करने और उत्पन्न चुनौतियों के समाधान के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच संवाद की पहल करते हुए बैठक आहुत करने पर आभार व्यक्त किया।
सम्मेलन में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए मंत्री नन्दी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का एक महत्वपूर्ण स्टील का उपभोक्ता एवं उत्पादक राज्य है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथा जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में ईस्टर्न आौर वेस्टर्न डेडिकेटेड कॉरिडोर, हाउसिंग प्रोजेक्ट्स, हाईवेज, एक्सप्रेसवेज, एयरपोर्ट्स, डिफेंस कॉरिडोर जैसे बड़े डेवलपमेंट प्रोजेक्ट चल रहे है। विकास की इन परियोजनाओं से स्टील की मांग एवं खपत में भारी वृद्धि हुई है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद, शामली, जैसे शहरों में बड़े पैमाने पर स्टील उद्योग स्थापित हैं। उत्तर प्रदेश में स्टील उत्पादन में भूषण स्टील, गैलेंट इस्पात, जय भारत स्टील, रिमझिम इस्पात, राखी स्टील की महत्वपूर्ण भूमिका है।
मंत्री नन्दी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हमारी सरकार प्रदेश में स्टील उद्योग के प्रोत्साहन एवं विस्तार के लिए प्रतिबद्ध है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें केंद्र सरकार के सहयोग एवं प्रोत्साहन की आवश्यकता है। इस क्रम में केंद्र सरकार से हमारे कुछ अनुरोध हैं।
उत्तर प्रदेश में स्टील उद्योग के लिए आवश्यक रॉ मैटेरियल जैसे कोयला, आयरन ओर (लौह अयस्क) की उपलब्धता न होने के कारण उद्योग में लगे हुए उद्यमियों को रॉ मैटेरियल दूसरे राज्यों से मंगाना पड़ता है, जिससे लागत बढ़ती है। इस विषय पर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूं।
दूसरे राज्यों के खनन क्षेत्रों से रॉ मैटेरियल के ट्रांसपोर्टेशन एवं लॉजिस्टिक्स में भारी व्यय होता है, जो कि नए उद्योगों की स्थापना को हतोत्साहित करता है। स्टील उद्योग से सम्बंधित विभिन्न इकोफ्रेंडली टेक्नोलॉजी को भी उत्तर प्रदेश के साथ साझा किए जाने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के बीच प्रक्रिया को प्रोत्साहित किए जाने का अनुरोध है। जिन राज्यों में खनिजों की पर्याप्त उपलब्धता है और स्टील उत्पादन क्षेत्रों में अग्रणी है, जैसे उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, इत्यादि। इन राज्यों के साथ स्टील उद्योग में उभरते हुए राज्यों के साथ समय-समय पर इंटर स्टेट मीटिंग आयोजित किए जाने का केंद्र सरकार से आग्रह है।
देश में स्टील उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह बैठक बेहद सफल और सार्थक प्रयास है। भविष्य में ऐसे ही प्रयासों के माध्यम से हम स्टील उत्पादन के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करने की ओर साझा सहयोग एवं संवाद के माध्यम से आगे बढ़ें।