गणेश उत्सव की जोर शोर से तैयारी शुरू, इको फ्रैंडली होंगे गणपति बाप्पा
जबलपुर उजाला लाइव ( उमा शंकर मिश्रा )
इसी प्रकार शहर में भी आकर्षक प्रतिमाएं स्थापित होगी, मूर्तिकार ने एक से ग्यारह फुट तक की सबसे ज्यादा प्रतिमाएं तैयार की हैं क्योंकि इनकी सबसे ज्यादा मांग है। इस बार गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को है। शहर में तैयार हो रही या बन चुकी अधिकांश मूर्तियां मिटटी इको फेंड्रली हैं। महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के कलाकारों के अनुसार सहायक सामग्री के दाम में वृद्धि होने से प्रतिमा की कीमत इस साल आठ से 10 फीसदी बढ़ गई है। ग्यारह फुट की प्रतिमा 35 से 40 हजार तक मिल रही है। छोटे आकार की मूर्तियां 80 से 6 हजार रुपये तक बिक रही हैं। जबलपुर के कांचघर के रहने वाले मूर्तिकार संजय बताते हैं- परिवार के साथ मुर्तिया बनाना इनका पुस्तैनी व्यापार है । मांग के चलते सात महीने पहले ही काम शुरू कर लिया था। रीवा , सतना , कटनी , सिवनी सहित अन्य क्षेत्रों से पांच से ग्यारह फुट तक की प्रतिमा के ऑर्डर मिले हैं। अगले तीन दिन काफी भीड़ रहेगी। दमोहनाका में कारीगर बसंत ने कहा कि मांग न ज्यादा न ही कम है। छह महीने पहले ही तैयारियां शुरू कर ली थी।
इस वर्ष मिटटी की मूर्ति की डिमांड ज़्यादा
पर्यावरण को नुकसान न हो इसके लिए पीओपी से बनी प्रतिमा पर रोक लगाई जाती है, इसलिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों में धिकांश प्रतिमाएं मिट्टी की हैं। और रंगरोगन के लिए वाटर कलर का ही इस्तेमाल किया जा रह्जा है। मूर्तिकारों का कहना कि ये वाटर रंग होता है, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा। वहीं, इस बार भी शहर दस दिवसीय गणेश उत्सव मनाया जाएगा। कार्यक्रम 19 से 28 सितंबर तक चलेगा। मंगलवार को सुबह दस बजे मूर्ति की स्थापना होगी। 27 सितंबर को श्री गणेश यज्ञ पूर्णाहुति दी जाएगी। 28 सितंबर को गौरीघाट व तिलवारा घाट में प्रशासन ने मूर्ति विसर्जन के लिए कुंड का प्रबन्ध किया है ताकि माँ नर्मदा नदी का जल प्रदूषित न हो।