रासायनिक खादों के इस्तेमाल से खराब होती जमीन की मिट्टी,डॉक्टर आदिनाथ
मृदा मरुस्थलीयकरण वर्तमान समय की सामान्य समस्या विश्व स्तर पर उभर कर आ रही है,इस हेतु डाजोट्रोफिक नील – हरित शैवाल व बैक्टीरिया की बायोलॉजिकल सॉयल क्रस्ट्स की परत से विभिन्न जोन की मृदा प्रकार के आधार पर जैसे कि सेमी अरीड के मृदा की उर्वरता को बनाए रखा जा सकता है,इस पर शोध कर रहे नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ आदि नाथ ने बताया कि प्रयागराज गंगाई क्षेत्र में लगातार हो रहे क्षय हो रही मृदा की उर्वरता पर शोध हेतु उत्तर प्रदेश विज्ञान परिषद द्वारा 26.37 लाख की ग्रांट का प्रोजेक्ट प्रोपोजल परिषद द्वारा संस्तुति की सितम्बर माह में मिली थी,इस हेतु नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले निफ जीन नो़ड जीन फिक्स जीन की कार्यप्रणाली को सही तरीके जांच कर मृदा की उर्वरकता को बनाए रखा जा सकता है,आज दुनियाभर में विश्व मृदा दिवस मनाया जा रहा है,बढ़ते प्रदूषण और खेती में केमिकलों के लगातार बढ़ते इस्तेमाल से हमारी मिट्टी की क्वालिटी लगातार खराब होती जा रही है,विश्व के बहुत से भागों में उपजाऊ मिट्टी लगातार बंजर हो रही है और किसानों द्वारा ज्यादा रसायनिक खादों और कीड़ेमार दवाओं का इस्तेमाल करने से मिट्टी के जैविक गुणों में कमी आने के कारण इसकी उपजाऊ क्षमता में गिरावट आ रही है,किसानों और आम जनता को मिट्टी की सुरक्षा के लिए जागरुक करने के मकसद से संयुक्त राष्ट्र ने 2013 में हर वर्ष पांच दिसंबर को विश्व मिट्टी दिवस मनाने का फैसला लिया गया था,राजेश शर्मा संयोजक नमामि गंगे ने बताया कि खराब होती देश की मिट्टी को देखते हुए ही केंद्र सरकार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की थी,इसके तहत हर किसान के खेत की मिट्टी की जांच करके उसके रिजल्ट के आधार पर ही किसानों को पोषक तत्वों की तय मात्रा को इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है,
मिट्टी की जांच अभियान मिट्टी के गिरते स्तर को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2015 में मृदा सोयल हेल्थ कार्ड जारी करने के लिए अभियान शुरू किया था,इस अभियान के तहत देश के हर किसान के खेत की मिट्टी की जांच कर उन्हें मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध करना है, ताकि किसान कृषि वैज्ञानिकों द्वारा केमिकलों की संतुत मात्रा का अपने खेतों में इस्तेमाल कर सकें,क्यों जरूरी हैं मिट्टी में पोषक तत्व पौधों बढ़ा होने के लिए उन्हें 18 पोषक तत्वों की जरूरत होती है,ये पोषक तत्व उन्हें हवा पानी और मिट्टी से मिलते हैं, छः मुख्य पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन फास्फोरस पोटेशियम कैल्शियम मैग्नीशियम और सल्फर पौधों को मिट्टी से मिलते हैं,मिट्टी में इन पोषक तत्वों में से किसी की भी कमी होने पर पौधे अपना जीवन-चक्र सफलतापूर्वक पूरा नहीं कर पाते हैं।