गीता श्लोक कार्यक्रम का किया गया आयोजन 500 से अधिक छात्र छात्राओं ने लिया हिस्सा
रिपोर्ट:आचार्य श्री कांत शास्त्री
विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती शकुंतला मिश्रा के द्वारा बताया गया की इस प्रतियोगिता की घोषणा विद्यालय के निदेशक डॉ. अशोक मिश्र जी ने स्वतंत्रता की अमृत महोत्सव की बेला पर १५ अगस्त, २०२२ में की गयी। एक ही प्रबंध तंत्र के दोनो विद्यालयों के छात्र छात्राओं को इस प्रतियोगिता की सूचना दी गयी। कक्षा चतुर्थ से द्वादस तक के भैया बहनो को प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रेरित किया गया। दोनो विद्यालयों के लगभग ३००० छात्र छात्राओं की संख्या में से ५०० भैया बहन गीता श्लोक तैयारी में तत्पर हुए। १०० की संख्या में बच्चे निर्णायक मंडल के समक्ष प्रस्तुत हुए जिनमें ६३ बच्चे प्रतियोगिता के नियमनुसार चुने गये।
श्री मद भगवद गीता के १८ अध्यायों को कक्षा अनुसार विभाजित किया गया था।
यह प्रतियोगिता विद्यालय में ही ५ दिनो तक चली जिसके नियम इस प्रकार थे।
विद्यार्थी को दिए गए अध्याय के श्लोक पूरे कंठस्थ होने चाहिए
स्वर लय मधुर होना चाहिए
शुद्ध वाचन होना चाहिये
इन नियमो के आधार पर जिन बच्चों को प्रथम स्थान प्राप्त था वे ही २२ बच्चे आज मंच पर गीता के श्लोकों का वाचन किये।
इस प्रकार गीता के १८ अध्यायों का वाचन एक मंच पर सस्वर किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता बी. के. मनोरमा दीदी ने बच्चों की भूरि-भूरि प्रशंसा की एवं मनुष्य के जीवन में श्री मद भगवद गीता के महत्व को बताया।
कार्यक्रम का समापन माधव ज्ञान केंद्र के प्रधानाचार्य श्री विंध्यवासिनी तिवारी जी ने योगेश्वर कृष्ण ने सारथी रूप में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया इस जीवनदर्शन को बच्चों के मध्य बड़े ही सरलतम रूप में रखा।
वन्दे मातरम गीत गाकर कार्यक्रम का समापन किया गया।