जया प्रभा ने अपनी सम्मोहिनी नृत्य भंगिमाओं से किया अभिभूत
रिपोर्ट:आचार्य श्री कांत शास्त्री
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के द्वारा आयोजित राष्टीय शिल्प के तहत मुक्ताकाशी मंच पर जब तारों की छांव की गुलाबी ठंडक में राजस्थान से पधारे अमिल पलवार एवं दल ने तालबंदी शास्त्रीय गीत ‘‘ चुनरियां लइयों बलम निराली, तीन रंग के लिए पताका, बीच खड़ी हो भारत माता को तालों पर गाया तो श्रोताओं ने तालियों की गरमाहट से वातावरण को गर्म कर दिया। सांस्कृतिक संध्या शुक्रवार को मोहिनीअट्म डॉ जयप्रभा के नाम रही। उन्होंने मोहिनीअटृम नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां दी। इसमें भक्ति रस के साथ भगवान शिव के विभिन्न मुद्राओं का लावण्य दर्शकों को देखने को मिला। केरल की प्राचीन कला शैली मोहिनीअट्म की सशक्त हस्ताक्षर डॉं मेनन और उनके समूह ने अपनी सम्मोहिनी नृत्य भंगिमाओं से दर्शकों को अभिभूत कर दिया। उन्होंने नृत्य प्रदर्शन की शुरूआत लोक नटराज के स्लोगम आंकिक भुवनम से किया। इसके बाद देवी स्वदेश्वरी भगवती गंगे पर शिवा पंचाक्षर की आकर्षक नृत्य की सौंदर्यमयी प्रस्तुति दी। इसके बाद उत्तराखंड की महिलाओं द्वारा किया जाने वाला घसियारी लोकनृत्य ने दर्शकों को प्रकृति और संस्कृति से जोड़ा, वहीं हुडका की थाप पर किया जाने वाला छपेली लोकनृत्य ने वहां पर बैठे लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। हरियाणा का घूमर एवं कर्नाटक का ढोलू कुनीथा नृत्य ने दर्शकों को खूब झूमाया। जितेन्द्र एवं उनके दलों के द्वारा मैं घनी दूर से आया पानी तो मने प्यादे न गीत पर पनिहारी नृत्य पेश कर लोगों को रोमांचित कर दिया।
सुरक्षित यातायात के लिए लिया गया शपथ
दैनिक जागरण की ओर से सुरक्षित यातायात के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत केंद्र के अधिकारियों, कर्मचारियो एवं कलाकारों द्वारा सुरक्षित यातायात के लिए शपथ लेकर हेलमेट लगाने का संकल्प लिया गया।
12 दिसंबर को होगा संगीतमय संध्या का आयोजन- हेमन्त बृजवासी होंगे आकर्षण
1 से 12 दिसंबर तक चलने वाला राष्ट्रीय शिल्प मेले के समापन अवसर पर सारेगामापा व राइजिंग स्टार के विजेता हेमंत बृजवासी की प्रस्तुति होगी इसके अलावा पद्मश्री पं राम दयाल शर्मा के निर्देशन में नौटंकी सुल्ताना डाकू का भी मंचन मुक्ताकाशी मंच पर किया जाएगा । कार्यक्रम का संचालन अतुल यादव ने किया।