मन-मस्तिष्क में अनेक प्रकार के विचारों का जन्म लेना ही वास्तविक सृजनात्मकता है: जस्टिस सुधीर नारायण
राज्य ललित कला अकादमी की ओर से आयोजित 20 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कार्यशाला का उद्घाटन,ब्लू बेल स्कूल में जूनियर कलाकार सिखेंगे पेंटिंग के हुनर, कलाकार अपने भावनात्मक पहलू को कला के द्वारा प्रदर्शित करता है। कला के माध्यम से कलाकार अपनी कला को अभिव्यक्त कर समाज में जागरूकता पैदा करता है। इस तरह मानव मन-मस्तिष्क में अनेक प्रकार के विचारों का जन्म होता हैं। यही वास्तविक सृजनात्मकता है।
यह बातें राज्य ललित कला अकादमी की ओर से आयोजित 20 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कार्यशाला के उद्घाटन के मौके पर मुख्य अतिथि जस्टिस सुधीर नारायण अग्रवाल ने करेली के नयापुरा ब्लू बेल स्कूल में कहीं। उन्होंने फीता काटकर और कैनवास पर चित्र बना कर कार्यशाला का उद्घाटन किया। विशिष्ट अतिथि असिस्टेंट प्रोफेसर सचिन सैनी (इविवि) स्कूल प्रबंधक संदीप कुमार कुशवाहा, स्कूल की प्रधानाचार्या इन्दु खुराना, गैलरी निदेशक डा. जाहेदा खानम ने कला के द्वारा बच्चों को मोटिवेट करने पर जोर दिया। कहा कि कला के माध्यम से बच्चों में रचनात्मकता का विकास किया जा सकता है। इस मौके पर ललित कला अकादमी द्वारा आयोजित क्षेत्रीय चित्रकला प्रदर्शनी के कैटलॉग का विमोचन भी किया गया।
कार्यक्रम संयोजक एवं ललित कला अकादमी के पूर्व कार्यकारिणी सदस्य रवीन्द्र कुशवाहा ने सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए एवं शुक्रिया किया। संचालन कर रहे कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक एवं सहसंयोजक तलत महमूद ने चित्रकला में प्रयोग होने वाले विभिन्न प्रकार के रंग और माध्यमों से बच्चों को रूबरू कराया। इस मौके पर पूर्व प्रधानाचार्य एनपी श्रीवास्तव, डा. नगीना राम, प्रबंधक इमरान कुरैशी, आर्टिस्ट माधवी निराला, अर्पिता मालवीय, संस्कार भारती के पंकज गौड़, प्रवक्ता जाबिर खान, शाह सऊद, स्पोर्ट्स टीचर मोहम्मद जावेद, सुम्बुल परवीन, स्कूल स्टाफ, कलाकार, बड़ी संख्या में प्रतिभागी बच्चे एवं अन्य लोग मौजूद रहे।