नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय में पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया
धरणिय विकास हेतु बौद्धिक जागरूकता ही पर्यावरणीय संरक्षण का सर्वोच्च जागरूकता का साधन: प्रो. एच. एन. मिश्रा
नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा निर्देश के अनुरूप साप्ताहिक जागरूकता कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर मुख्य वक्ता इलाहबाद विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के भूतपूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. एच. एन. मिश्रा ने वैश्विक जलवायु परिवर्तन विषय पर दृष्टिपात करते हुए बताया कि पर्यावरण के प्रति लोगों को नूतन शोध और शब्दावली से परिचित कराना ही शैक्षणिक लोगों का परम कर्तव्य होता है जैसे कि देशी कहावत “गाते गाते विवाह संपन्न हो जाता है” । विश्वविद्यालय के विज्ञान विभाग, शिक्षक शिक्षा विभाग, छात्र कल्याण प्रकोष्ठ के छात्र, रोवर/रेंजर के छात्रों द्वारा जागरूकता रैली शोध परिसर झूठी ताली से जमुनीपुर कैंपस तक निकाली गई। बृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम करवाया गया। जिसमें हरण, बेहंड, अर्जुन, रातरानी, अलुवीरा, इंद्रबेला, गुड़हल, अगेव इत्यादि पौधों का रोपण किया गया। आज के दौर में दूषित जल शुद्धिकरण, जल संवर्धन, मृदा संरक्षण, जैविक उत्पाद का प्रयोग,जैवाउपचार, विविध प्रकाश के अपशिष्ट का निस्तारण, प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग, प्लास्टिक के निस्तारण तथा प्लास्टिक रहित वातावरण की ओर बढ़ने के साथ रासायनिक धातुओं के जंग, जैव निम्नीकरण, जैवक्षयकर की आधुनिक विधियों पर प्रकाश डाला गया तथा अभ्यास कराया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ आदि नाथ, विभागाध्यक्ष वनस्पति ने किया। धन्यवाद ज्ञापन संकायाध्यक्षं छात्र कल्याण प्रकोष्ठ डॉ छाया मालवीय ने किया। इस अवसर पर डॉ संजय भारती, डॉ दुर्गेश नंदिनी गोस्वामी, डॉ अनीता सिंह, डॉ वीरेंद्र मणि त्रिपाठी, डॉ अभिजात ओझा, डॉ शक्ति नाथ त्रिपाठी, डॉ विष्णु शुक्ला, डॉ देव नारायण पाठक, डॉ रमेश मिश्रा, डॉ श्रवण मिश्रा, डॉ साधना त्रिपाठी, राम भजन यादव, ऋषिराज सहित सैकड़ों छात्रों ने सहभागिता प्रदान की।