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विद्युतीकृत खंडों में रेलवे ट्रैक के पास पतंगबाजी, विदेशी सामग्री फेंकने और पथराव जैसी गतिविधीयो में शामिल ना हो |

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  • विद्युतीकृत खंडों में रेलवे ट्रैक के पास पतंगबाजी, विदेशी सामग्री फेंकने और पथराव जैसी गतिविधीयो में शामिल ना हो |

उत्तर मध्य रेल रेल संरक्षा एवं यात्रियों की सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है | ज्ञात हो कि रेल प्रशासन मिशन 100 प्रतिशत विद्युतिकरण की ओर तेजी से अग्रसर है और उत्तर मध्य रेलवे के अधिकांश रेल खंड विद्युतिकृत हो चुके हैं।
इस संबंध मे अवगत कराना है कि, विद्युतीकृत खंड में रेलवे ट्रैक के पास निम्न गतिविधियां यात्री सुरक्षा के साथ-साथ रेल कर्मचारियों और संपत्तियों की सुरक्षा के लिए घातक हो सकती हैं।
• रेलवे ट्रैक के पास पतंग उड़ाना – रेलवे ट्रैक के पास वहां के निवासी पतंग उड़ाते हैं | ये पतंगें ट्रेन के ओएचई और पेंटोग्राफ से उलझ जाती हैं। यदि पतंग के धागे में धातु की कोई सामग्री हो इससे पतंग उड़ाने वाले व्यक्ति को करंट भी लग सकता है| साथ ही इसे ओएचई या पेंटोग्राफ से हटाते समय रेलवे कर्मचारियों को भी नुकसान हो सकता है। कभी-कभी यह ओएचई के टूटने और ट्रेन के रुकने का कारण भी बनता है।
• ओएचई पर पॉलीथिन या अन्य कोई सामग्री फेंकना समस्या का सबब बन सकता है। ज्ञात हो कि, फुट ओवर ब्रिज और रोड ओवर ब्रिज से कई बार लोग पॉलीथिन और अन्य सामग्री को ट्रैक पर फेंक देते हैं| यह कभी-कभी ओएचई पर गिर जाती है। ये ओएचई या पेंटोग्राफ के साथ उलझ सकती है, जिससे ओएचई के टूटने और ट्रेन परिचालन के बाधित होने की संभावना बन जाती है।
• रेलवे ट्रैक के पास पथराव से कई बार लोग शरारतवश या अज्ञानतावश ओएचई इंसुलेटर को निशाना बनाते हैं। यह इंसुलेटर के टूटने का कारण बनता है और प्रमुख ओएचई ब्रेकडाउन और ट्रेन के अवरोध का कारण बनता है।

रेलवे द्वारा आमजन से अपील की जाती है कि इस प्रकार की गतिविधीयो में शामिल न हो | अपनी सुरक्षा के साथ-साथ रेलवे कर्मचारियों और रेलवे संपत्तियों की सुरक्षा करना हम सब का दायित्व है| इस प्रकार के कार्य में रेलवे विभाग का सहयोग करे |

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