- ध्यान योग से बच्चे आँख में पट्टी बांध फर्राटे से किताब पढ़ रहे व स्कूटी चला रह
जिनमे कौशल होगा वही कुशल होगा ,जिसमें हौसला होगा वही सफल होगा। किसी शायर की ये लाइने आज इन नन्हे बच्चों पर बिल्कुल सटीक बैठती है जिन्होंने अपनी छोटी सी उम्र में कुछ बड़ा करने का ख्वाब आंखों में सजाया और अब उस ख्वाब को साकार करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं और तो और इनके सजाए हुए ख्वाब का असर अब दिखने लगा है। जी हां हम बात कर रहे हैं कौशांबी जनपद के एक कॉलेज में पढ़ने वाले इन बच्चों की जो अपनी आंख में पट्टी बांधकर फर्राटे से किताबें पढ़ते हैं स्कूटी चलाते हैं और तो और एक -दूसरे के मन में क्या चल रहा है इसको भी जान लेते है । यह कोई जादू या दैविक शक्ति से नहीं बल्कि मेडिटेशन साइंस की वजह से ऐसा कर रहे हैं। लगभग 50 से 60 बच्चे मेडिटेशन साइंस सीख रहे है ।
कौशांबी के भरवारी स्थित केपीएस कॉलेज में इन दिनों बच्चों को मेडिटेशन सिखाया जा रहा है जिसके लिए उत्तराखंड से टीचर आए हुए हैं पिछले 10 दिनों से वहां पर मेडिटेशन की क्लास चल रही है ।मेडिटेशन सीखने वाले बच्चे मेडिटेशन के द्वारा अपने आँख को बन्द करके 10 मिनट में पूरी किताब को स्कैन कर आंख में पट्टी बांधकर फर्राटे से किताब पढ़ते हैं व फर्राटे से स्कूटी चला रहे है। मेडिटेशन सीखने वाले बच्चों का दवा है कि मेडिटेशन के जरिए दूसरे साथी के मन में क्या चल रहा है यह पता कर लेते हैं। उत्तराखंड के ऋषिकेश से मेडिटेशन सीखाने आए टीचर अनुराग का कहना है कि क्वांटम स्पीड रीडिंग यह एक टेक्निक है क्वांटम फिजिक्स पर वेसिस है । इसमें बच्चे 10 मिनट में किताब को स्कैन कर लेते हैं। और आंख में पट्टी बांधकर पूरी किताब पढ़ लेते हैं स्कूटी चला लेते हैं। इससे आप अपने दर्द को भी ठीक कर सकते हैं। ध्यान एक ऊर्जा है इसको कोई सीख सकता है और आंख में पट्टी बांधकर सब कुछ कर सकता है। और अगर इसमेल करना चाहता है तो 4 य 10 किलोमीटर तक इसमेल कर कर सकता हैं ।और अगर वाइब्रेशन सुनना चाहे तो कही की वाइब्रेशन सुन सकता है । सबसे बड़ी बात यह है कि किताब किसी भी भाषा में हो बच्चे स्कैन करने के बाद उसको आसानी से पढ़ सकते है।