न्यायमूर्ति शेखर यादव के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान: पं. संजय पाठक
न्यायमूर्ति के खिलाफ संसद में लाए गए महाभियोग प्रस्ताव की निंदा
नैनी, प्रयागराज। अखिल भारतीय सनातन परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री, नमो सेना के राष्ट्रीय महासचिव (प्रशासनिक) पंo संजय पाठक ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि एक हाईकोर्ट के जज ने सही बात कही तो उनको महाभियोग का नोटिस दे दिया गया। इससे यह लगता है कि विपक्ष को बहुसंख्यक समाज के हितों की चिंता नहीं है और वह गलत ढंग से बहुसंख्यक समाज के हितों का गला घोंट कर देश को चलाना चाहता है।
पंडित संजय पाठक ने कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज न्यायमूर्ति शेखर यादव ने सही बात समाज के हित में कही है। उसका अनुसरण करने के बजाय उनके बयान की निंदा करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा है कि समान नागरिक संहिता तो होनी ही चाहिए और दुनिया के अंदर सभी देशों में बहुसंख्यक समाज की भावनाओं का सम्मान एवं आदर हर हाल में होता है। अगर दुनिया में ऐसा हो रहा है, तो उस सच्चाई को कोई बोलता है! तो यह अपराध कैसे हो गया?
श्री पाठक ने कहा है कि जिन लोगों ने जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ महाभियोग का नोटिस दिया है। वे सांप्रदायिक मानसिकता से ग्रस्त हैं तथा बहुसंख्यक समाज के हितों के खिलाफ कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि प्रजातंत्र में बहुमत का सम्मान होता है। जिस पार्टी को सबसे अधिक सीटें मिलती हैं। उसी पार्टी की सरकार बनती है। अगर बहुसंख्यक समाज के बहुमत से देश चल रहा है। तो बहुसंख्यक समाज की भावनाओं का आदर क्यों नहीं किया जा रहा है?
श्री पाठक ने कहा है कि कुछ लोग तानाशाही के बल पर मनमाने तरीके से बहुसंख्यक समाज के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं। बहुसंख्यक समाज विरोधी तत्वों को करारा सबक सिखाने के लिए देश की जनता को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए।
पंडित संजय पाठक ने जस्टिस शेखर यादव के बयान के समर्थन में देशव्यापी हस्ताक्षर अभियान चलाने का आवाहन करते हुए कहा है कि हाईकोर्ट के जज ने सही बात कही है। पूरी दुनिया में अगर बहुसंख्यक समाज के हितों को संरक्षण दिया जा रहा है। तो जो लोग अपने आप को लोकतांत्रिक कहते हैं, संविधान की बात करते हैं। उन्हें जस्टिस शेखर कुमार यादव का समर्थन करना चाहिए।
पंडित संजय पाठक ने बहुसंख्यक समाज से अनुरोध किया है कि वह एकजुट होकर जस्टिस शेखर कुमार यादव के समर्थन में व्यापक अभियान चलाएं। उन्होंने कहा है कि नमो सेना एवं भारतीय सनातन परिषद के द्वारा जस्टिस शेखर यादव के समर्थन में देशव्यापी हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा और राष्ट्रपति से मांग की जाएगी कि उनके विरुद्ध प्रस्तावित महाभियोग प्रस्ताव को खारिज किया जाए। क्योंकि बहुसंख्यक समाज के हितों से ही अल्पसंख्यक समाज के हितों का संरक्षण होगा। किसी एक वर्ग को अनावश्यक रूप से संरक्षण दिए जाने के कारण बहुसंख्यक समाज के हितों की उपेक्षा होती है तो वह समाज हित में नहीं है।
ज्ञातव्य है कि बीते 8 दिसंबर को विश्व हिंदू परिषद के लीगल सेल की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट के लाइब्रेरी हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में जस्टिस शेखर कुमार यादव और जज जस्टिस दिनेश पाठक शामिल हुए। वहां पर जज शेखर यादव ने कहा कि हिंदुस्तान में रहने वाले बहुसंख्यकों के अनुसार ही देश चलेगा। उनके इस बयान के बाद विवाद बढ़ा तो सुप्रीम कोर्ट ने उनके बयान का संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट से पूरी जानकारी तलब कर ली। वहीं, संसद में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी हो रही है। ऐसे में अगर यह महाभियोग संसद के दोनों सदनों से पारित हो जाता है, तो उन्हें पद छोड़ना पड़ेगा। हालांकि, यह प्रक्रिया बेहद जटिल है।
पंडित संजय पाठक ने दावा किया है कि जस्टिस शेखर कुमार यादव के विरुद्ध संसद में लाया गया महाभियोग प्रस्ताव किसी भी हालत में पास नहीं होगा। जो लोग यह प्रस्ताव लाए हैं। उन्हें मुंह की खानी पड़ेगी और उन्हें पराजय का सामना करना पड़ेगा। जस्टिस शेखर यादव की बात अंततः सही साबित होगी और देश की जनता को इसी विचार के आधार पर चलना होगा।