मध्य भारत एरिया के अंतर्गत जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर कोवर्ष 2024-25 का सर्वश्रेष्ठ इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटर के रूप में चयन किया गया
उजाला शिखर (उमा शंकर मिश्रा)
*जबलपुर* भारतीय सेना व्यापक और यथार्थवादी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से परिचालन तैयारियों के उच्चतम मानकों को प्राप्त करने के लिए सदैव अपनी अटूट प्रतिबद्धता जारी रखती है। इस प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में हर साल इन्फेंट्री महानिदेशालय (डीजी इन्फेंट्री) की ओर से इन्फैंट्री रेजिमेंट केंद्रों के लिए एक बाहरी प्रशिक्षण मूल्यांकन आयोजित किया जाता है, ताकि सैनिकों और अग्निवीर रंगरूटों को दिए जा रहे प्रशिक्षण के मानकों का आंकलन किया जा सके, रेजिमेंट केंद्रों में प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता की जांच की जा सके, प्री-कोर्स और अग्निवीर रंगरूटों को प्रशिक्षण देने वाले अनुदेशात्मक कर्मचारियों की पेशेवर कुशलता, शारीरिक क्षमता, फायरिंग, ड्रिल, फील्ड क्राफ्ट और बैटल क्राफ्ट में अग्निवीर रंगरूटों के मानक और बेहतरीन प्रथाओं को साझा किया जा सके।
इसी के तहत, इन्फैंट्री सेंटर कमांडेंट्स इन्फैंट्री निदेशालय की ओर से कुशल अधिकारियों, जेसीओ और एनसीओ की टीम द्वारा प्रशिक्षण वर्ष 2024-25 के लिए सभी इन्फेंट्री ट्रेनिंग केंद्रों का बाहरी प्रशिक्षण मूल्यांकन 07 से 10 अक्टूबर 2024 तक आयोजित किया गया। इसी श्रृंखला में 09 से 10 जनवरी 2025 तक वाराणसी के 39 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित सम्मेलन में भारतीय सेना के 23 इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटर में से मध्य भारत एरिया के अंतर्गत जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर, जबलपुर को ‘सर्वश्रेष्ठ इन्फैंट्री रेजिमेंटल’ सेंटर चुना गया, जिसके लिए इसे प्रशिक्षण में सर्वश्रेष्ठ इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर के लिए ‘महानिदेशक इन्फैंट्री ट्रॉफी’ से सम्मानित किया गया। ब्रिगेडियर राकेश शर्मा, कमांडेंट, जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर ने 10 जनवरी 2025 को लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार, विशिष्ट सेवा पदक, महानिदेशक इन्फैंट्री से ‘सर्वश्रेष्ठ इन्फैंट्री रेजिमेंटल’ की ट्रॉफी प्राप्त की। यह उपलब्धि भारतीय सेना के भावी योद्धाओं के रूप में अग्निवीर रंगरूटों और इन्फैंट्री सैनिकों के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने के प्रति जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर की व्यावसायिकता और समर्पण के बारे में बहुत कुछ कहती है।
डीजी इन्फैंट्री ने कोर इन्फैंट्री कौशल को मजबूत करने, परिचालन तत्परता बढ़ाने और सैनिकों के बीच पेशेवर उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में बाहरी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के महत्व पर जोर दिया। मूल्यांकन के परिणाम भविष्य की प्रशिक्षण पहलों और संसाधन आवंटन का मार्गदर्शन करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय सेना एक आधुनिक, सक्षम और युद्ध के लिए तैयार सेना बनी रहे।