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पीटी. आर. यश. इंग्लिश. हाई स्कूल में डॉक्टर पारसनाथ तिवारी ने छात्रों के साथ खेली फूल की होली।

 

मुंबई श्रीकेश चौबे:-एनसीपी के प्रदेश महासचिव और पार्टी के हिंदी भाषी सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर पारसनाथ तिवारी ने कहा है कि होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है. होलिका दहन में एक बड़ा अलाव जलाया जाता है जो बुराई के नाश का प्रतीक होता है. यह दिन खुशी, प्रार्थना और सामूहिक उत्सव के साथ मनाया जाता है। जो होली के त्योहार की शुरुआत करता है. टिटवाला के पीटीआरएस हाईस्कूल में आयोजित होली मिलन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर तिवारी ने बताया कि हिरण्यकश्यप अपने बेटे प्रह्लाद को मारना चाहता था और इसके लिए उसने अपनी बहन होलिका की मदद ली. होलिका को भगवान विष्णु ने एक विशेष कपड़ा दिया था जो उसे आग से बचा सकता था. होलिका ने प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर आग में बैठने की कोशिश की, लेकिन भगवान के आशीर्वाद से प्रह्लाद बच गए. होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.

उन्होंने कहा कि होली मनाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी माना जाता है और कहा जाता है कि होली का त्योहार ऐसे समय में आता है जब मौसम ठंड से गर्मी में बदलता है और इस बदलाव के कारण लोगों को थकान और आलस्य महसूस होता है. इस थकान को दूर करने के लिए लोग ऊंची आवाज में गाते और बोलते हैं और इससे शरीर को नई ऊर्जा मिलती है और आलस्य दूर होता है।

कार्यक्रम में अतिथि के रूप में पधारे समाजसेवी और अधिवक्ता श्री सुरेन्द्र मिश्र ने बताया कि
होलिका दहन उत्सव के दौरान, लोग आग में उबटन फेंकते हैं जो एक प्रकार का पेस्ट होता है. ऐसा माना जाता है कि यह लोगों को साल भर रोग मुक्त रखता है, और फिर होलिका की राख का उपयोग माथे पर तिलक लगाने के लिए किया जाता है । उन्होंने कहा कि ऐसा माना जाता है कि होलिका दहन की अग्नि नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करती है. होली एक ऐसा पर्व है जो लोगों को भेदभाव को भुलाकर प्रेम और सौहार्द्र को बढ़ावा देने का संदेश देता है।
होली के त्योहार से बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश मिलता है. होलिका दहन की परंपरा न केवल धार्मिक है, बल्कि यह समाज को एकजुट करने और खुशी का अहसास दिलाने का एक अवसर भी है। इस दिन की रिवाजों और परंपराओं के साथ, लोग मानसिक और शारीरिक शुद्धता की प्राप्ति करते हैं, जिससे यह त्यौहार हर साल एक नई उम्मीद और उमंग के साथ मनाया जाता है ।

इस अवसर पर छात्रों ने फूलों से होली खेली। कार्यक्रम में दो विद्यार्थियों को राधा – कृष्ण के रूप में सजाया गया था। बाकी छात्र उनके ऊपर पुष्प वर्षा कर फूलों से होली खेल रहे थे। कार्यक्रम का सफल संचालन प्राचार्य श्री लक्ष्मीकांत शुक्ल ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी शिक्षकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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