हिन्दू धर्म में जातियाँ थीं लेकिन जातिवाद वोट के लालच नेताओं की देन है।हिंदू धर्म में ब्राह्मण मूलतः जाति नहीं वो एक प्रवृति होती है: आचार्य रामचंद्र दास
हमारे हिंदू धर्म में ब्राह्मण मूलतः जाति नहीं वो एक प्रवृति होती है, जिसके दो लक्षण होते हैं ज्ञान और तपस्या, ज्ञान का अनुसंधान करे और तपस्या द्वारा संयम करे, इसीलिए प्राचीन हिन्दू धर्म ग्रंथों में ब्राह्मण वृत्ति या वर्ण शब्द ही प्रयोग होता है, जो भी इस वृत्ति का पालन करता है समाज उसका सम्मान करता है चाहे वह किसी भी जाति का हो।
क्या अध्यात्म वर्तमान में एक उद्योग बन गया है, इस सवाल के जवाब में आचार्य रामचंद्र दास ने कहा कि जो इसे धंधा समझते हैं, ये अपराध है. भय और लालच ही लोगों को गलत दिशा में ले जाता है. लेकिन अध्यात्म उद्योग नहीं है. सनातन धर्म के साथ होने वाले प्रयोग के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये धर्म इतना उदार है, कि क्षमा करता जा रहा है.
स्वामी प्रसाद मौर्य की गुरु जी के ऊपर की गई टिप्पणी पर आचार्य रामचंद्र दास बोले कि उनका ये स्तर नहीं है कि उनकी बात का जवाब दिया जाए।