सब माफियाओं पर भारी है, इटहरा का गिरगिट भू-माफिया
भदोही. भदोही जिले के ज्ञानपुर तहसील, इटहरा ग्राम के लेखपाल सर्वेश शुक्ला और कानूनगो इंदु तिवारी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। इन आरोपों के अनुसार, दोनों राजस्व चाकर भूमाफियाओं के साथ मिलकर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करवा रहे हैं और किसानों की जमीनों को हड़पने में लिप्त हैं।
स्थानीय ग्रामवासियों का कहना है कि ये राजस्व चाकर अपने रिश्तेदार भूमाफियाओं के साथ मिलकर सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी कर रहे हैं, और कई बीघा सरकारी जमीन को अवैध रूप से कब्जा करवा रहे हैं। ग्रामसभा, खेलकूद मैदान, कन्या पाठशाला, पंचायत भवन और दलित व दिव्यांग वर्ग की जमीनें इन भूमाफियाओं ने कब्जा कर लिया है। इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि कानून इसी के इशारे पर चलता है। जो भी इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे फर्जी मुकदमों में फंसा दिया जाता है और उसकी जमीनों पर कब्जा कर लिया जाता है, और उनका रकबा छोटा करा देता है और जमीन को गायब करवा देता है। इसके भुक्तभोगी गांव के शारदा प्रसाद आदि, दलित दिव्यांग मल्लू, अमर सिंह आदि है। इन भूमाफियाओं द्वारा गांव के पीड़ित शारदा प्रसाद आदि के जमीन पर चकबंदी प्रक्रिया बीत जाने के 20 वर्षों बाद उनके विभिन्न चको में दूसरे का नाम इंद्राज करावा दिया है, उस पर फर्जी आदेश करा दिया है, रकबा को छोटा करा दिया है तथा कुछ जमीन को ही गायब करा दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत भदोही जिले में भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद थी, लेकिन तहसील प्रशासन के भ्रष्टाचार ने इस नीति को पूरी तरह नकारा कर दिया है। लेखपाल सर्वेश शुक्ला और कानूनगो इंदु तिवारी द्वारा अपने रिश्तेदार भू माफिया को सरकारी जमीन को अवैध ढंग से कब्जा करवा दिया है। ये भू-माफिया लोग जेल में बंद माफिया के गैंग के सक्रिय सदस्य हैं।
इसी भूमाफियाओं एवं जालसाजों द्वारा गांव के ही पीड़ित/ भुक्तभोगी शारदा प्रसाद तिवारी आदि के जमीनों पर चकबंदी प्रक्रिया समाप्त हो जाने के बाद वें बीसों साल से कास्त कर रहे थे, जिसमें इसने गलत ढंग से आदेश करा करके विपक्षियों का नाम चढ़वा दिया था।
शासन प्रशासन को जानकारी होने पर उन लोगों का नाम काट करके पुनः पीड़ित पक्षों का नाम दर्ज हुआ। इसके बावजूद भी उसमें खड्यंत्र कर रहा है। वर्तमान में भी इसने जिस भैरव लाल का ग्राम सभा की सरकारी जमीन पर घर बनवाया है उसी से हाईकोर्ट, DM, SDM, दीवानी न्यायालय के यहां मुकदमा विचाराधीन होने और दोनों पक्ष हाजिर होने के बावजूद कानून से ऊपर हो करके कब्जा करवाने का प्रयास करवा रहा है और पीड़ित के अन्य रकबो में भी इसने दूसरे का नाम फर्जी ढंग से दर्ज करवा दिया है। भुक्तभोगियों का यह भी कहना है कि ये आए दिन धमकी देता है कि जो मैं कहूं मान लो अन्यथा महंगा पड़ेगा, हमारे बल को तुमने देखा मैंने तुम्हारे विपक्षी के सिर्फ एक-दो लोगों का और तुम लोगो के दर्जनों लोगों को धारा 126/135 B.N.S.S. में फंसवा दिया, वास्तव में उपरोक्त भुक्तभोगियों के बताने एवं उपरोक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखा जाए तो स्पष्ट रूप से लगता है कि उपरोक्त हल्का लेखपाल एवं कानूनगो हाईकोर्ट एवं न्यायालय से बड़े दिखाई दे रहे हैं।
ग्रामवासियों का कहना है कि लेखपाल और कानूनगो की मिलीभगत से बीसों बीघा सरकारी ज़मीन भू-माफिया के हाथों में जा रही है, और इस मामले में कई बार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
ग्रामवासियों का कहना है कि इस भ्रष्ट लेखपाल, कानूनगो और भूमाफियाओं के खिलाफ नार्को टेस्ट कराया जाए, ताकि इस जालसाजी के सभी पहलू सामने आ सकें। उनका दावा है कि यह टेस्ट कई महत्वपूर्ण राज उजागर कर सकता है और यह भी साफ कर सकता है कि इन चाकरो ने किस-किस से मिलकर यह सब किया है।
वहीं, यह भी सामने आया है कि यह भूमाफिया जेल में बंद कुख्यात माफिया विजय मिश्रा के गिरोह से जुड़े हुए हैं। विजय मिश्रा के गिरोह के लोग लगातार सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं और इस मामले में लेखपाल सर्वेश शुक्ला और कानूनगो इंदु तिवारी की भूमिका संदिग्ध है।
सूत्रों के मुताबिक लेखपाल, कानूनगो व इसका रिश्तेदार भू-माफिया, रिश्वतखोरी से लाखों करोड़ों की अवैध संपत्ति इकट्ठा की है, इसके बावजूद भी भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाहीं नहीं की गई, इस बात से क्षेत्रीय जनता में गुस्सा है।
ग्रामवासी अब मुख्यमंत्री से अपील कर रहे हैं कि इन भ्रष्टाचारिर्यों को निलंबित किया जाए और भू-माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, जनता का कहना है कि इस मामले में एक उच्च स्तरीय जांच और नार्को टेस्ट कराना बेहद जरूरी है, ताकि इन अधिकारियों की काली करतूतें सामने आ सकें और भ्रष्टाचार की जड़ों को खत्म किया जा सके।