तीर्थराज प्रयागराज को आस पास के जिलों के तीर्थों से जोड़ने की है आवश्यकता-पद्मश्री डॉ0 सुनील जोगी
उजाला लाइव से डॉ0सुनील जोगी ने की खासबात चीत
रिपोर्ट-आलोक मालवीय
फोटो-अमित विश्वकर्मा
तीर्थराज प्रयागराज से मेरा नाता वर्षो पुराना है।इस शहर की आबोहवा मुझे खासी पसंद है।ये बातेँ अंतर्राष्ट्रीय कवि व पद्मश्री सहित सैकड़ों सम्मानों से सम्मानित डॉ0 सुनील जोगी ने कही।सुनील जोगी संगम नगरी प्रयागराज के तुलसी पार्क अल्ला पुर में आयोजित कवि सम्मेलन में शिरकत करने पहुँचे थे।
सुनील जोगी ने मथुरा में भव्य श्री कृष्ण मंदिर बनाये जाने का समर्थन किया।कहा कि अयोध्या, काशी में भव्य मंदिर बन गया है।तो जन भावना का खयाल करते हुए मथुरा में भी भव्य श्री कृष्ण मंदिर बनना चाहिए।राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर उन्होंने ने कहा कि ये क्षण पूरे संतनियो के गौरव का क्षण है राम मंदिर के निमार्ण से आध्यात्मिक केंद्र में उत्तर प्रदेश रहेगा।पांच राज्यों के चुनाव पर उन्होंने कहा कि इन राज्यों में जनता कि चुनी हुई सरकार बनेगी जो राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है जो लोक कल्याण की भावना ससे कार्य करेगी वही सरकार बनेगी।इंडिया और भारत के विषय पर उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति 7000 वर्षों से पुराना है जबकि इंडिया में गुलामी की तासीर झलकती है।
इसका नाम पहले ही भारत हो जाना चाहिए था लेकिन पूर्व की सरकारों में संकल्प शक्ति की कमी के कारण अबतक नहीं हो पाया।दस हजार से ज्यादा कवि सम्मेलनों में रचना पाठ कर चुके यश भारती सम्मान से सम्मानित डॉ0सुनील जोगी हिंदुस्तानी एकेडमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।डॉ0जोगी ने कहा कि तीर्थराज प्रयागराज को कॉरिडोर के माध्यम से रेल और सड़क मार्गों से जोड़े जाने की आवश्यकता है।तीर्थराज को चित्रकूट,विंध्याचल,काशी और अयोध्या से अगर कॉरिडोर और रेल के माध्यम से जोड़ दिया जाय तो तीर्थराज का हर तरह से विकास हो जाएगा।डॉ0 जोगी चित्रकूट स्थित रामभद्राचार्य के आश्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने चित्रकूट के लिए निकल गए।
बाघंबरी श्री 2023 से सम्मानित हुए पद्मश्री डॉ सुनील जोगी
श्री बगंभरी छेत्र रामलीला कमेटी ने अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह का आयोजन किया।इस विशेष समारोह में अंतर्राष्ट्रीय कवि डॉ0सुनील जोगी को बगंभरी श्री 2023 सम्मान से सम्मानित किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता सरदार प्रताप फौजदार ने किया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ’नंदी’ रहे।सरस्वती वंदना सबीना अदीब ने करके कवि सम्मेलन का प्रारम्भ किया।
1975 से कवि सम्मेलन की शुरुआत हुई 500सौ के बजट से शुरू हुआ यह कवि सम्मेलन आज 500000 से अधिक इसका बजट हो गया है।राष्ट्रीय स्तर के कवि सम्मेलन का संचालन डा श्लेष गौतम ने किया।इस कवि सम्मेलन में डॉ0विष्णु सक्सेना,डॉ0भुवन मोहनी,राधेश्याम भारती,लक्ष्मण नेपाली और कमल अग्रेय ने अपनी अपनी रचनाओं को पढ़ कर तालियां बटोरी।