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श्री राम की नगरी में पारंपरिक ढेड़िया नृत्य कर लौटे समूह का किया गया भव्य स्वागत

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श्री राम की नगरी में पारंपरिक ढेड़िया नृत्य कर लौटे समूह का किया गया भव्य स्वागत 

रिपोर्ट-आलोक मालवीय

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की नज़र उतारने तीर्थराज प्रयागराज से श्री राम की नगरी अयोध्या पहुंची युवतियों ने समा बांध दिया।प्रभु श्री राम को किसी की नजर न लगे इस बात का खासा ख्याल रखते हुए ढेड़िया उतारी गई।इस दृश्य को देखकर ऐसा लगा जैसे राम राज्य वापस आ गया हो।

अयोध्या दीपोत्सव 2023 उत्तर प्रदेश सरकार संस्कृति एव पर्यटन अयोध्या शोध संस्थान की ओर से भव्य दीपोत्सव का आयोजन हुआ जिसमें देश के अलावा विदेशी कलाकारों ने भी भाग लिया भगवान राम के नाम की सुंदर झांकियों के साथ लोक नृत्यों की भी झांकी देखने को मिली चुकी दीपावली का पर्व भगवान राम की नगरी अयोध्या में मनाया जाना सबसे ख़ास होता है 14 वर्ष का बनवास कर बाद भगवान का आगमन अयोध्या नगरी में होता है तो उनका स्वागत भव्य रूप से होना तो लाजमी है जिसकी तैयारी उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रत्येक वर्ष कुछ ज्यादा ही भव्य आयोजन होता है तो इस बार भी सरकार ने भारत की लोक संस्कृति का सहारा लिया और देश के कोने कोने से खूबसूरत लोक नृत्यों को संजोकर प्रस्तुत किया।

जिसमें प्रायगराज का पारंपरिक ढेड़िया भी देखने को मिला ढेडिया लोक नृत्य भी भगवान श्री राम से सम्बद्ध रखता है ऐसी मान्यता है कि जब भगवान श्री राम 14 वर्ष का बनवास पूर्ण कर के अयोध्या लौट रहे थे तो प्रायगराज की पावन धरती पर पधारे थे।

माँ गंगा की पूजन अर्चन के लिए तभी प्रयाग वासियों ने भगवान श्री राम माता सीता एव भगवान श्री लक्ष्मण जी का स्वागत की ओर वही कुछ स्त्रीयों को संदेह हुआ कि कहीं भगवान कर पीछे शनि देव भी न आगये हो तो तीनो बनवासियो को शनि देव के प्रकोप से बचाने के लिए प्रयहाराज की महिलाओं ने मिट्टी की छिद्र दार हांडी में दिए रखकर नज़र उतारी थी तब से यह प्रथा ढेड़िया के नाम से जाना जाता है।

यह पर्व मुख्यता दवाबा क्षेत्र का है अश्विन शुक्ल चतुर दशी के दिन मनाया जाता है यह पर्व घर की बेटियो द्वारा मनाया जाता है बेटियां अपने चाचा ताऊ पिता, दादा भाई इन सब की नजर उतार के नेग लेती है और आधीरात को चौराहे पर उस हांडी को फोड़ देती है मान्यता है कि घर की बुरी बलाए भाग जाती है।

इस पर्व को खूबसूरत लोक नृत्य का रूप दिया आनन्द किशोर ने साथ ही आनन्द ने वर्ष 2015 में एक गीत लिखा जिसे आज भारत मे बहुत लोकप्रिय बना दिया गीत , बड़े भाग्य से आए श्री राम प्रयाग में उतारे ढेड़िया जुग जुग जिये सिया वर राम की नजर उतारे ढेड़िया , आज यह गीत ने भी अपनी जगह बना ली है इसकी धुन भी आनन्द ने खुद बनाई है यह गीत 26 जनवरी को दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी के सामने भी प्रस्तुत हो चुका है।

आनन्द ढेडिया के माध्यम से पूरे भारत मे अपनी पहचान बना चुके है संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा वर्ष 2022 में मैनपुरी में आयोजित लोक नृत्य कार्यशाला में लगभग 200 बच्चो को ढेडिया लोक नृत्य की बारीकियों को बताया साथ ही अपने दल के कलाकारों द्वारा लोक नृत्य भी सिखाया।

आनन्द को वर्ष 2010 में नेशनल फेलोशिप भी मिली है लोक वाद्य ढोलक पर शोध कार्य के लिए आनन्द प्रयाग संगीत समिति में तबला अध्यापक पद और कार्यरत है साथ ही इलाहाबाद पब्लिक स्कूल में भी संगीत प्रवक्ता है।

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