माफिया डान अतीक अहमद के बड़े बेटे अली अहमद के उन्मोचन प्रार्थना पत्र हुई तिखी बहस
विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से मुख्य प्रतिरक्षा अधिवक्ता विकास गुप्ता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता कौशलेश सिंह की ओर से राज्य बनाम अमन आदि, अपराध सं०-222/22, अर्न्तगत धारा-147, 149, 506,
307, 427, 120बी आई०पी०सी० के मुख्य अभियुक्त अली अहमद के मामले में विशेष न्यायालय
एम०पी०/एम०एल०ए० ने उच्च न्यायालय के निर्देश पर दिन प्रतिदिन सुनवाई करते हुए अली अहमद के
अधिवक्ता को उन्मोचन प्रार्थना पत्र योजित किये जाने हेतु अन्तिम अवसर दिया था जिस पर सुनवाई पूरी
हुई पीठासीन अधिकारी डॉ० डी०सी० शुक्ला द्वारा अभियोजन कि ओर से सरकारी वकील सुशील वैश्य,
वीरेन्द्र सिंह एवं अन्य अधिवक्तागणों को सुना गया जिन्होंने सरकार का पक्ष रखते हुए सत्र परीक्षण के इस
स्तर पर अपराधिक इतिहास वाले अभियुक्त अली अहमद को उन्मोचित किये जाने पर प्रबल विरोध किया
यद्यपि चीफ डिफेन्स काउन्सिल विकास गुप्ता ने सर्वोच्च न्यायालय कि तमाम विधि व्यवस्थाओं के
माध्यम से अभियुक्त अली अहमद को राजनैतिक बन्दी एवं उसकी उम्र को दृष्टिगत करते हुए उसे
राजनैतिक प्रतिद्वन्दितावश प्रस्तुत मामले में झूठा फंसाने की बात रखी गयी, जिसके लिए किसी भी
अभियुक्त का मूल अधिकार अनुच्छेद 21, 14, 15 के तहत उसे अपनी निर्दोषिता आरोप के ही स्तर पर
रखने का पूरा अधिकार है जिसका लाभ किसी भी निर्दोष को दिया जाना नितान्त आवश्यक है, उभय पक्षों
को सुनते हुए न्यायालय ने चीफ डिफेन्स काउन्सिल विकास गुप्ता की उन्मोचन प्रार्थना पत्र को आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया। जिस पर अग्रिम सुनवाई हेतु दिं0 11.03.2024 नियत है।