संत जोसेफ कॉलेज ने बहुमुखी प्रतिभाओं को सम्मानित करने के लिए सभागार में पुरस्कार वितरण समारोह का हुआ आयोजन
रिपोर्ट पियूष पांडेय
प्रयागराज। संत जोसेफ कॉलेज ने बहुमुखी प्रतिभाओं को सम्मानित करने के लिए सभागार में पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया।
विद्यालय में आयोजित यह समारोह अत्यंत महत्वपूर्ण एवं उल्लासपूर्ण कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम का संचालन श्रीमती मधुलिका डिसूजा द्वारा किया गया, जिन्होंने तालियों की गड़ गड़ाहट के बीच आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रेव०फादर इजीडोर डीसूजा, प्रधानाचार्य वाल्टर डी सिल्वा , प्रशासक औबरी मगावन एवं समन्वयक ज्योति दुबे का स्वागत किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमती सारिका लायल द्वारा प्रभु वचन के पाठ्य एवं प्रार्थना द्वारा किया जिसके बाद प्रार्थना गीत तथा कॉलेज गान गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि फादर डीसूजा प्रयागराज के जाने माने नजरत अस्पताल के प्रशासक एवं संत जोसेफ कॉलेज के पूर्व उप प्रधानाचार्य थे जिनका स्वागत हमारे नवनिर्वाचित प्रधानाचार्य ने फूलों के गुलदस्ते से किया।
इसके बाद फादर सिल्वा एवं फादर डीसूजा को मंच पर आमंत्रित किया जिन्होंने कक्षा 6–8 के विद्यार्थियों के शीर्ष रैंक धारकों को पुरस्कृत किया। इसके उपरांत शत प्रतिशत उपस्थिति के पुरस्कार का वितरण किया।
इसके बाद इस समारोह में सीनियर बैंड ने अपनी अदभुत कला का प्रदर्शन किया जिसने इस कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। इस बैंड का निर्देशन श्री सौभाग्य नायक द्वारा किया गया है।
इसके बाद शिक्षक और शिक्षिकाओं को उनकी मेहनत, समर्पण, समय प्रबंधन और विद्यालय में शत –प्रतिशत उपस्थिति के लिए स्वर्गीय लियोन ड्यूकस पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया। जिनके नाम इस प्रकार हैं–
श्री ए. बी. सिंह, श्रीमती ममता मसीह, श्री शुभम चंद्रा, श्रीमती ऊषा रॉबिंसन, श्री विजय डेविड, श्री अभिषेक महेंद्र, श्री दिलीप पास्कल, डा० राघवेंद्र द्विवेदी, श्री नितिन गुने और श्री एम. अहमद।
जिसके बाद कक्षा 9 और 11 के छात्रों को उनके शैक्षणिक उपलब्धियों एवं शत प्रतिशत उपस्थिति के लिए पुरस्कृत किया।
काव्य राय को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया क्योंकि उन्होंने अपने सहपाठी कि परीक्षा पत्र लिखने में मदद की थी।
इसके बाद जूनियर बच्चों द्वारा एक मधु वाद्य प्रदर्शन श्री पी. सोलोमन के निर्देशन में हुआ ।
एक छात्र की जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण पल तब आता है जब वह अपनी कक्षा दसवीं की परीक्षा देता है। छात्रों में काव्य कुशवाहा, अनय वर्मा एवं चिन्मय तिवारी ने उत्तीर्ण किया। इन छात्रों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियां के लिए शत प्रतिशत विद्यालय शुल्क में छूट मिली।
कक्षा 12वीं में उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले छात्र विज्ञान वर्ग मैं आदित्य उपाध्याय एवं मनन मदनी ने 97% के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया। इन छात्रों को विशेष पुरस्कार के साथ लैपटॉप भी वितरित किया गया।
वाणिज्य वर्ग में दिव्यम अग्रवाल और एवं उदित शुक्ला 95.25% के साथ प्रथम रहे।
कला वर्ग में आदित्य दिव्य प्रकाश ने 95.50% के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया।
विशेष पुरस्कार में–
सक्षम जैसवाल, शाश्वत पांडे और शाओ पिंग चाय को छात्रवृत्ति प्रदान की गई।
श्री एस. बी.राय और श्रीमती रेखा शुक्ला को यूनाइटेड ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन द्वारा श्रेष्ठ अध्यापक एवं श्रेष्ठ अध्यापिका का पुरस्कार प्रदान किया गया।
मॉडल यूनाइटेड नेशन में–
आदित्य मिश्रा, मोहम्मद सुल्तान और काव्य राय को विशेष उल्लेख करने का पुरस्कार प्रदान किया।
आरुष सिंह समग्र गुने को मौखिक उल्लेख के लिए पुरस्कार प्रदान किया।
निष्कर्ष गुप्ता और सार्थक सिंह को उच्च प्रशंसा का पुरस्कार मिला।
मोहम्मद उस्मान उल हक दक्ष लायन राघव मिश्रा और शौर्य गोस्वामी को भाग लेने का पुरस्कार मिला।
इन छात्रों का सफल मार्गदर्शन अध्यापिका श्रीमती सुमोना बनर्जी एवं श्रीमती श्रुति राजौरिया द्वारा किया गया था।
इसके बाद मुख्य अतिथि ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि छात्रों को सकारात्मक सोच रखने की आवश्यकता है स्वयं को कभी कमतर नहीं आंकना चाहिए। उन्होंने सफलता के चार मूल मंत्र बताएं आत्मविश्वास, चुनौतियों का सामना, जिज्ञासा और कठिन परिश्रम । इन चार चरणों के द्वारा मनुष्य अपने जीवन में सफल बन सकता है इसके लिए उन्होंने डा० भीमराव अंबेडकर और अरुणिमा सिन्हा का उदाहरण दिया। अंत में उन्होंने डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के इस कथन “अगर तुम्हें सूर्य की तरह चमकता है तो पहले तुम्हें सूर्य की तरह तपना होगा” से अपने भाषण की समाप्ति की।
इसके बाद हमारे प्रधानाचार्य ने हमारे मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह प्रदान किया।
तदोपरांत प्रधानाचार्य रेव० फादर वाल्टर डी सिल्वा ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि “तुम सफलता के पीछे मत भागो, कठिन परिश्रम करो और सफलता तुम्हारे पीछे भागेगी।
अंत में श्रीमती मधुलिका डिसूजा ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया।
इस कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।