प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया विश्वविद्यालय प्रयागराज के कुलसचिव और वित्त अधिकारी के स्थानांतरण बार कार्य मुक्त नहीं किए जाने का लगा आरोप
प्रयागराज।प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया विश्वविद्यालय प्रयागराज के कुलसचिव और वित्त अधिकारी को स्थानांतरण होने के बावजूद भी कार्य मुक्त नहीं किया जाने का आरोप इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष संजय तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया विश्वविद्यालय में वर्तमान में तैनात दो बड़े अधिकारियों का स्थानांतरण कर दिया गया है लेकिन कुलपति की कृपा उन पर प्राप्त है जिसके कारण कार्य मुक्त नहीं किया जा रहा है तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय में अराजकता का वातावरण है विश्वविद्यालय पठन-पाठन से दूर हो चला है धन उगाही मिली भगत से प्रवेश परीक्षा परीक्षा करवाने के नाम पर वित्त अधिकारी और रजिस्टर की मिली भगत से पूरे प्रदेश में वसूली हो रही है परीक्षा बाद में होता है एडमिशन पहले ही कॉलेज में कर लिया जा रहा है अनुशासन नाम की कोई चीज नहीं रह गई है विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष संजय तिवारी में कहां है कि कुल सचिव स्थानांतरण 28/6/2024 को लखनऊ विश्वविद्यालय में हुआ एवं वित्त अधिकारी शशि भूषण सिंह तोमर का स्थानांतरण 30/6/2024 को हो गया था परंतु कुलपति द्वारा अभी तक किसी भी अधिकारी को कार्यमुक्त नहीं किया गया जिससे यह सिद्ध होता है कि विश्वविद्यालय के तीनों अधिकारी कुलपति,कुलसचिव,वित्त अधिकारी भ्रष्टाचार में संलिप्प्ट हैं जिसकी जांच होनी चाहिए एवं तत्काल प्रभाव से दोनों अधिकारियों को कार्य मुक्त किया जाना चाहिए । तिवारी ने कहा कि नियुक्ति परीक्षा करवाने के नाम पर कॉपियों की खरीद और तमाम इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप करने के नाम पर भारी धनउगाही की गई है अवने पौने दाम में खरीदारी की गई है विश्वविद्यालय के कुलपति को इस पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए तिवारी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और महामहिम राज्यपाल से मांग किया है इन तत्काल दो भ्रष्ट अधिकारियों को इस विश्वविद्यालय से कार्य मुक्त किया जाए जिससे पठन-पाठन का माहौल सुचार रूप से महाविद्यालयों में शुरू हो पाए और छात्र हित में उत्तर प्रदेश सरकार की जो योजनाएं चल रही हैं वह निर्विवाद और स्वच्छ रूप से लागू की जा सके और भ्रष्टाचार मुक्त किया जा सके तिवारी ने कहा कि यह दो अधिकारी ईमानदार छवि के नहीं है ऑनलाइन से विश्वविद्यालय से लेना देना है इनका कार्य पैसा लौटकर कुलपति तक पहुंचाना बड़े अधिकारियों तक पहुंचना है