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जीवंत आनंद है प्रकृति, इसे सुरक्षित रखने के व्रत लेने की आवश्यकता— कृष्ण मनोहर

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जीवंत आनंद है प्रकृति, इसे सुरक्षित रखने के व्रत लेने की आवश्यकता— कृष्ण मनोहर
राष्ट्र सेविका समिति के पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के तृतीय दिवस पर बतौर मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पर्यावरण एवं संरक्षण गतिविधि संयोजक कृष्ण मनोहर ने मां भारती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति सदैव प्रकृति पूजक रही है उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ के 10 प्रमुख समस्याओं में पर्यावरण प्रदूषण का प्रथम स्थान बताते हुए कहा कि हम सब भौतिक विकास की अंधी दौड़ में प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं मानव मानव जनित विनाश के मुख पर खड़े हैं l भारत में बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण के बारे में भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदूषण के बढ़ते कारण और निवारण के विषय में हम सभी को चिंतन करते हुए इसे समाप्त करने का संकल्प लेना चाहिए l उन्होंने प्रदूषण को विस्तारित करते हुए कहा कि पर+ आवरण अर्थात हमारे चारों ओर का वातावरण बताते हुए का कहा कि
वर्तमान समय में पूरा विश्व खर दूषण और प्रदूषण नामक दैत्य से परेशान है यह दोनों संकट को मानव जीवन के लिए अत्यंत हानिकारक बताया l
कृष्ण मनोहर ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रकृति को सहेज कर रखें प्रकृति के साथ सुसंगत समरसता से जीना सीखना न केवल पर्यावरण की आवश्यकता है वरन वह मनुष्य को आनंदित रहने के लिए एक महत्वपूर्ण सूत्र भी है उन्होंने आगे कहा कि प्रकृति से जितना हम ले उसकी कालांतर में पूर्ति हो सके इसके लिए निरंतर प्रयास रत रहना चाहिए जिससे सदैव आनंदित रह सकेंगे उन्होंने जीवंत आनंद है प्रकृति ,इसे सहेजने का व्रत सभी को लेना चाहिए , उन्होंने आगे कहा कि भारत में प्रकृति मां है जब हम प्रकृति को मां मानते हुए उसकी रक्षा का वचन लेंगे तभी मानव जीवन सुख से व्यतीत होगा l
उक्त अवसर पर माया पांडे देवयानी आभा रिचा नारायण वर्षा जायसवाल प्रिया तिवारी मोमी डे सहित प्रयागराज सुल्तानपुर प्रतापगढ़ तथा अन्य जिलों से आई हुई प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रही l

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