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मकर संक्रांति पर शंकराचार्य अधोक्षजानंद ने संगम में किया स्नान

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मकर संक्रांति पर शंकराचार्य अधोक्षजानंद ने संगम में किया स्नान

रिपोर्ट:अचार्य श्री कांत शास्त्री

-शंकराचार्य शिविर से संगम तक गाजे-बाजे के साथ निकली भव्य शोभा यात्रा
-जम्मू कश्मीर के बटुकों ने भी जगद्गुरु के सानिध्य में लगाई पुण्य की डुबकी
-माघ मेला स्थित जगद्गुरु देवतीर्थ के शिविर में संस्कृत पर दो दिवसीय कार्यक्रम शुरु
-आद्य शंकराचार्य और मंडन मिश्र के शास्त्रार्थ का दिव्य मंचन सोमवार को

मकर संक्रांति के अवसर पर पूर्वाम्नाय गोवर्धन पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अधोक्षजानंद देवतीर्थ जी महाराज ने रविवार सुबह संगम में स्नान किया। जगद्गुरु संगम तक भव्य शोभा यात्रा के साथ पहुंचे।

प्रातःकाल करीब साढ़े छह बजे जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज के सानिध्य में उनके त्रिवेणी रोड स्थित शिविर से संगम तक गाजे-बाजे के साथ भव्य शोभा यात्रा निकली। इस शोभा यात्रा में अरुणाचल प्रदेश के कृषि, बागवानी, पशुपालन और डेयरी विकास मंत्री, तगे टाकी, असम सरकार के कैबिनेट मंत्री बोलिन संतिया, चूड़ामणि संस्कृत संस्थान बसौली, जम्मू-कश्मीर के मुख्य न्यासी शक्ति पाठक, बसौली नगर पंचायत के अध्यक्ष रमेश सुपोलिया, कई कुलपति, चूड़ामणि संस्कृत संस्थान बसौली, जम्मू-कश्मीर के काफी संख्या में बटुक, साधु-संत और विद्वतजन जगद्गुरु शंकराचार्य के सानिध्य में शामिल हुए।
शोभा यात्रा के दौरान शिविर से संगम तक धर्म घोष होता रहा और जगह-जगह श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर जगद्गुरु शंकराचार्य, संस्कृत के छात्रों और विद्वानों को स्वागत किया। शोभा यात्रा में महिलाएं भी काफी संख्या में मौजूद रहीं। पवित्र संगम में बटंकों ने शंकराचार्य के सानिध्य में स्नान कर स्तुति वाचन किया।

 

शोभा यात्रा के वापस लौटने के बाद शिविर में यज्ञ, पूजन एवं अन्य वैदिक अनुष्ठान सम्पन्न हुए। इसी के साथ श्री आद्य शंकराचार्य धर्मोत्थान संसद एवं चूड़ामणि संस्कृत संस्थान बसौली, जम्मू-कश्मीर के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय वैदिक अनुष्ठान एवं संस्कृत भाषा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन माघ मेले में रविवार को प्रारम्भ हो गया। कार्यक्रम की शुरुआत भव्य शोभा यात्रा और संगम स्नान के साथ हुई।

सेमवार को त्रिवेणी रोड स्थित शंकराचार्य शिविर में ही प्रातःकाल से यज्ञादि अनुष्ठान होंगे। इसके बाद अपराह्न एक बजे से मेला क्षेत्र में ही सेक्टर 5 में ओल्ड जीटी रोड, उत्तरी पटरी स्थित श्री आद्य शंकराचार्य धर्मोत्थान संसद के शिविर में ‘सनातन ज्ञान परंपरा और संस्कृत भाषा’ पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन है, जिसमें देश के विभिन्न भागों से आये धर्माचार्यों, संस्कृत के विद्वानों, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं जनप्रतिनिधियों के व्याख्यान होंगे। इस दौरान चूड़ामणि संस्कृत संस्थान बसौली, जम्मू-कश्मीर के छात्र आद्य शंकराचार्य और मंडन मिश्र के शास्त्रार्थ का दिव्य मंचन भी करेंगे।
शंकराचार्य आश्रम के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह दो दिवसीय कार्यक्रम व अनुष्ठान संस्कृत भाषा के उद्भट विद्वान स्वर्गीय डा0 उत्तमचंद शास्त्री जन्म शताब्दी समारोहों के अन्तर्गत आयोजित हो रहा है। डा0 उत्तमचंद शास्त्री ने जम्मू कश्मीर में विषम परिस्थितियों में भी संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए बहुत काम किया था। इसके लिए उन्होंने वहां चूड़ामणि संस्कृत संस्थान की स्थापना की, जो इस समय संस्कृत भाषा के पठन-पाठन को लेकर उत्कृष्ट कार्य कर रहा है।

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