जनसुनवाई के नाम पर सिर्फ हो रही खानापूर्ति,अधिकारी से लेकर कर्मचारियों के टेबल तक नाचती रह जा रही शिकायते
रिपोर्ट-अभय सिंह
करछना,प्रयागराज/-भले ही केंद्र की मोदी व प्रदेश की योगी सरकार द्वारा जनसुनवाई के माध्यम से गांव व गरीबो समेत आमजनमानस की समस्याओं को लेकर अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रतिदिन 10 बजे से लेकर 12 बजे तक के समय मे कार्यालय में मौजूद रहकर सुनवाई करने को निर्धारित किया गया है।जंहा दूर-दूर गांवो से विभिन्न समस्याओं को लेकर जनसुनवाई के लिए आने वाले आमजनमानस की समस्याओं को जिलाधिकारी,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से लेकर उपजिलाधिकारी,तहसीलदार,नायब तहसीलदार, खण्ड विकाश अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी,प्रभारी निरीक्षक आदि अधिकारियों द्वारा मातहत अधिकारियों व कर्मचारियों को शिकायती पत्र के निस्तारण को आदेशित किया जाता है।किंतु उनके पास उच्चधिकारियों जैसा अधिकार न होने के चलते कई वर्षों से लोग आये दिन तहसील,थाना,ब्लाक आदि कार्यालयों का चक्कर काटने को मजबूर है किंतु उनकी सुनवाई नही होने से परेशान है।जिनके द्वारा प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित जनसुनवाई व सम्पूर्ण समाधान दिवस के आयोजन को सिर्फ छलावा बताया जा रहा है।जिसे लेकर भरहा गांव निवासी कपिल देव सिंह द्वारा दबंगो द्वारा जबरन उनकी हिस्से की भूमि पर कब्जा करने की शिकायत करने हल्का लेखपाल द्वारा दबंगो से मिली भगत व धन कमाऊ नीति के तहत बिना मौके पर गये ही फर्जी बंटवारे का बाद दाखिल होने का रिपोर्ट लगा दिया।जबकि उक्त दबंगो द्वारा उसी भूमि पर अगर वाद दाखिल है तो निर्माण किस आधार पर कराया गया।जो चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी तरह से अनेकों मामले है जिन पर कार्यवाही न होने और गलत रिपोर्ट लगाने से लोग परेशान है।