अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में शमिल होगी फिल्म एक और अर्थी
मुंबई उजाला शिखर संवाददाता (उमा शंकर मिश्रा )
बॉलीवुड के मशहूर एक्टर नवाजुद्धीन सिद्धिकी की फिल्म एक और “अर्थी” के एडिटर हैं राहुल तिवारी
छोटे से गाँव से जब कोई लड़का अपनी डेहरी लॉघ कर बड़े शहर में रचनात्मक काम करता है , तो ये बहुत सारे लोगों के लिए आश्चर्य ज़रूर होता है , जो कभी गाँव में रहे ही नहीं हैं , क्यूँ कि गाँव में रहने वाला हर बच्चा प्रत्येक शिक्षा से वाकीफ हो जाता है , वो मिट्टी के कोमल लौंदो से बड़ा घड़ा बन जाता है।
इसी तरह फिल्म एडिटर राहुल तिवारी केन्द्रिय विद्यालय से अपनी शिक्षा- दीक्षा और इलाहाबाद से थियेटर पूर्णकर बंबई की फिल्मी चकाचौध नगरी में आज से तेईस साल पहले आगमन करते है ,
फिल्म नगरी बाहर से जितनी खूबसूरत लगती है, अंदर से उतनी ही कठोर है , फिल्म नगरी में बहुत स्ट्रुगल है , कई कई वर्षो तक क्रियेटिव काम सिखना , फिर खुद से स्वतन्त्र तौर से सिनेमा का काम करना काफी चुनौती पूर्ण हो जाता है ,
एडिटर राहुल तिवारी ने जावेद सैयद, दिपक कपूर और भरत सिंह जैसे इन्डस्ट्री के नामी फिल्म एडिटर के साथ कई सालो तक सहायक के तौर पर काम सीखा, फिर डॉयरेक्टर राम गोपाल वर्मा की कम्पनी में बतौर ट्रेलर एडिटर के पद पर फिल्म एडिट का काम शुरू किया , फिर धीरे धीरे सैकड़ो फिल्मो के एडिट का काम राहुल तिवारी ने किया , इनका मानना है की प्रत्येक बच्चे को अच्छी शिक्षा लेकर ही फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश करना चाहिए , फिर लगातार किसी गुणी गुरु से फिल्मो का कई वर्ष तक काम सिखना भी बहुत ज़रूरी होता है ! राहुल तिवारी का कहना है की पैसो की लालच में कोई भी नवयुवक फिल्म लाईन में न आये , यहाँ रचनात्मक कार्य किया जाता है , फिल्म इंडस्ट्री में अच्छे पैसे कमाने में कई कई साल लग जाते है , इनका का कहना है कि किसी भी एडिटर को कहानी, अभिनय व निर्देशन की काफी अच्छी जानकारी होनी चाहिए , फिल्म एडिट करते समय कहानी पात्र के अनुसार ही सीन को काटना चाहिए , कभी भी किसी पक्ष का पक्षपात नहीं करना चाहिए ! एडिटर राहुल तिवारी का मानना है की किसी भी फिल्म में एडिटर फिल्म की मॉ होता है , उसे अपने बच्चे की तरह फिल्म की काट-छाट (एडिटिग) करनी चाहिए !
राहुल तिवारी इंडस्ट्री के पूराने एडिटरो का बहुत सम्मान करते हैं , वो कहते है की पूराने सभी एडिटर बहुत गुणी हैं , आज के गलत कमज़ोर एडिटरो की वजह से फिल्म फ्लॉप व खराब बन जाती है ! राहुल तिवारी दस वर्षो से शॉर्ट फेस्टिवल फिल्मो का निर्देशन भी कर रहे हैं , इनकी पाँच फेस्टिवल फिल्में अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में कमाल भी कर चुकी हैं , पिछले वर्ष राहुल तिवारी की शॉर्ट फिल्म “द्रोणाचार्य” जो अभी ओटीटी एम एक्स प्लेयर व डिज़नी हॉट स्टार पर देखी जा सकती है , इस फिल्म में “नदिया के पार” की मशहूर अदाकारा साधना सिंह और बॉलीवुड अभिनेत्री अमिषा सेठी लीड अभिनेत्री के रुप में नज़र आई! इस शॉर्ट फिल्म में इकबाल दरबार का संगीत एवं विमलेश बी लाल का आर्ट डॉयरेक्शन बखूबी दिखाई देता है, साथ ही फिल्म की महत्वपूर्ण भूमिका जिसके बिना सिनेमा अधूरा माना जाता है वो फोटोग्राफी भारत के जानेमाने फोटोजर्नलिस्ट उमाशंकर मिश्रा ने किया है।
पिछले वर्ष राहुल तिवारी की एडिट हरियाणवी फिल्म “दादा लखमी” को राष्ट्रीय अवार्ड से भारत सरकार ने सम्मानित किया , जिसके डॉयरेक्टर यशपाल शर्मा हैं !
इस समय राहुल तिवारी अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवाल के लिए एक और “अर्थी” नामक फिल्म एडिट कर चुके हैं , जिसके निर्माता मशहूर अभिनेता नवाजुद्धीन सिद्धिकी हैं !
एडिटर राहुल तिवारी ने एक पारिवारिक वेब सिरीज़ भी लिखी है, जिसको जल्द निर्देशित भी करने जा रहे हैं ।