रामलीलाओं में युवाओं को जोड़ने का हो रहा है सार्थक प्रयास
आलोक मालवीय
हरि अनंत हरि कथा अनंता
और अनंत है राम कथा
कहते हैं राम से बड़ा राम का नाम है और इस नाम को स्मरण करने के लिए हम पुरातन काल से रामलीलाओं का मंचन करते चले आ रहे हैं।लेकिन कान्वेंट स्कूल के इस युग में नव युवा और किशोर रामलीलाओं से दूर होते जा रहे थे।दर्शकों की कमी और राम लीलाओं में किशोरों और युवाओं को फिर से जोड़ने के लिए तीर्थराज प्रयागराज की सबसे पुरानी रामलीला कमेटी पत्थरचट्टी रामलीला कमेटी ने नए नए प्रयोग करके नई पौध को रामलीला से जोड़ने की सार्थक पहल की है।
रामलीला में ध्वनि और प्रकाश को जोड़ा गया।हाई टेक लाइट और साउंड से लगता है कि हम जीवंत रामलीला देख रहे हैं।इसमें कई हाई टेक प्रयोग के बाद अब रामलीला में नृत्य नाटिकाओं को जोड़ा गया है इससे युवाओं की संख्या रामलीला को देखने के लिए बढ़ रही है।
अंतरराष्ट्रीय नृत्यांगना पूर्णिमा देव कुमार रामलीला में नृत्य निर्देशन कर रहीं हैं।पूर्णिमा पिछले 30 सालों से कत्थक, कुचीपुड़ी के साथ मार्डन डांस करती हैं।पूर्णिमा के प्रयास होता है कि स्टेज पर दर्शक जीवंतता का अहसास करे और इसके लिए वह रामलीला शुरू होने के 1 महीने पहले से डांस का अभ्यास कलाकारों को करा रही हैं।जिससे किसी भी तरह की त्रुटि न हो और जो भी देखे इस नृत्यनाटिका को वह कहे जय जय श्री राम।