दिव्यतम और भव्यतम महाकुंभ के लिए तैयारियों को पहनाया जा रहा है अमलीजामा
आलोक मालवीय
विश्व भर के पर्यटकों को लुभाएगी प्रयागराज की संस्कृति।लगातार इसको लेकर कार्य किया जा रहा है।मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम के वन पथ गमन को भव्यता के साथ निर्मित किया जा रहा है।विश्व की पहले विश्वविद्यालय यानी महर्षि भारद्वाज आश्रम को खूबसूरती के साथ सजाया जा रहा है।विश्व भर के पर्यटकों को विश्व की पहली यूनिवर्सिटी के बारे में बताया जाएगा।आगामी दिव्य और भव्य महाकुंभ 2025 के जरिए संगम नगरी को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर उभरने के लिए पहला तेज हो गई है।
इसके लिए द्वादश माधव पंचकोशी सर्किट का विकास किया जाएगा।संगम के दूसरी ओर अरेल में अस्थाई तौर पर टेंट सिटी बसई जाएगी।ताकि टेंट सिटी में रहकर श्रद्धालु वर्ष पर्यंत डिजिटल म्यूजियम और कुंभ की दिव्यता का अनुभव कर सके।इसके लिए कुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने म्यूजियम और टेंट सिटी के लिए प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण कर चिन्हित कर लिया है।
प्रयागराज के धार्मिक स्थलों को जोड़ने के लिए टूरिस्ट सर्किट विकसित करने के साथ ही कुंभ की महिमा दर्शाने के लिए डिजिटल म्यूजियम निर्माण की प्रक्रिया तेज हो गई है इसके साथ ही अरैलकी तरफ 50 कॉटेज की क्षमता वाला टेंट सिटी भी बसई जाएगी जो वर्ष पर्यंत रहेगीप्रयागराज में आने वाले श्रद्धालु संगम स्नान तथा पौराणिक अक्षय वट
लेटे वाले हनुमान मंदिर एवं पातालपुरी के दर्शन के बाद टेंट सिटी में रहकर डिजिटल म्यूजियम को निहार सकेंगेपर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संगम की दूसरी ओर त्रिवेणी पुष्प का जीर्णोद्धार किया जाएगा।कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने बताया किअरैल की तरफ मेला क्षेत्र में रिक्रिएशन एक्टिविटीज के तहत वॉटर स्पोर्ट्स और फूड वर्क की व्यवस्था की जा रही है ।
इसके तहत फूड जोन का विकास किया जाएगाप्रयागराज के प्रमुख मंदिरों तक जाने के लिए एक सर्किट भी बनाई जाएगी जिसके तहत द्वादश माधव के अलावा अन्य प्रमुख मंदिर और आश्रमों तक जाने के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी।इसी क्रम में प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चित्रकूट ,अयोध्या, वाराणसी ,गोरखपुर एवं कौशांबी जाने के लिए बेहतर व्यवस्था की जाएगी।इन धार्मिक स्थलों से जुड़े मार्ग को बेहतर बनाने बनाते हुए परिवहन व्यवस्था को भी सुधार किया जाएगा।