अब बंधुआ श्रमिकों के लंबित मामलो क़ा जल्द होगा निस्तारण
जिलाधिकारी के निर्देश पर हुई बैठक मे बाल श्रमिक निषेध पर बात रखी गई जिसपर बंधुआ श्रमिकों के लंबित मामलो पर भी प्रकाश डाला गया |
बाल श्रम उन्मूलन जनपद समिति और जिला स्तरीय टास्क फोर्स (डी•टी•एफ•) तथा बंधुआ श्रम जिला सतर्कता समिति की सयुंक्त बैठक की गई | जिसमे जिला न्यायधीश की ओर से नामित प्रतिनिधि चीफ डिफेंन्स काउन्सिल विकास गुप्ता ने विकास भवन मे प्रतिभाग लिया, और वित्तीय वर्ष 2023-24 मे बाल श्रम निरिक्षण चिन्हाकन तथा सेवाओं के विरुद्ध की गई कार्यवाहियो का मुद्दा उठाया तथा बाल मजदूरी (निषेध एवं नियमन) अधिनियम, 1986 के अनुसार, 14 वर्ष से कम उम्र के किसी बच्चे को किसी जोखिमपूर्ण रोजगार में नियोक्त नहीं किया जाना चाहिए एवं बच्चे के सर्वोत्तम हित को सर्वप्रथम ध्यान में रखा जाएगा, की बात कहते हुए बंधुआ श्रमिकों के अवमुक्तिकरण एवं उनके पुनरवासन की स्थिति के बाबत विकास गुप्ता द्वारा बात रखी गई | इसके साथ ही सभी तहसीलो के लंबित मामले जो की बंधुआ श्रम प्रथा (उन्मूलन ) अधिनियम 1976 के अंतर्गत उपजिलाधिकारी (एस•डी•एम•) के स्तर पर बतौर सभी ट्रायल लंबित है उनके निस्तारण की बात उठाई इस सम्बन्ध मे सर्वाधिक मामले इंडिया तहसील से सम्बंधित जहाँ अकेले 36 मामले उप जिलाधिकारी महोदय के स्तर पर विगत दस वर्षो से लंबित है न्यायिक प्रणाली मे विलम्ब से किया गया न्याय स्वयं मे अन्याय है | इस सिद्धांत पर चीफ डिफेन्स काउंसिल ने अपनी बातो क़ो रखा |
जिसपर बैठक मे उपस्थित उप जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, उप श्रम आयुक्त, सचिव राम कैलाश यादव, निर्मल कुमार मिश्रा, राजस्व भारतीय, सिस्टर शिवा बोस आदि अधिकारीगणों ने समर्थन करते हुए, विकास गुप्ता क़ो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्ययन से शीघ्रत-शीघ्र जरिये अनुपालन आख्या कृत कार्यवाहियो से अवगत करने हेतु आश्वश्त किया |