- मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, प्रयागराज में हुई सरकारी कामकाज में राजभाषा हिंदी की समीक्षा
बैठक।
प्रयागराज मंडल में सरकारी कामकाज में हो रही राजभाषा हिंदी की प्रगति की समीक्षा करने के उद्देश्य से मंडल रेल प्रबंधक महोदय श्री मोहित चंद्रा की अध्यक्षता में मंडल राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में अपर मंडल रेल प्रबंधक / इन्फ्रा श्री अतुल गुप्ता, अपर मंडल रेल प्रबंधक / परिचान श्री अजय कुमार राय, अपर मंडल रेल प्रबंधक / सामान्य श्री संजय सिंह आदि उपस्थित थें। बैठक का संचालन राजभाषा अधिकारी श्री शेषनाथ पुष्कर ने किया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री मोहित चंद्रा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी फाइलों एवं रिजस्टरों पर विषय हिंदी में लिखवाएं। सभी शाखाधिकारी लाइनों पर सभी पत्र हिंदी में भेजें क्योंकि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी ग्रुप – डी से पदोन्नत हुए हैं और उन्हें अंग्रेजी समझने में असुविधा होती है।
बैठक का संचालन करते हुए राजभाषा अधिकारी ने कहा है जिस प्रकार छोटी छोटी खुशियों से बड़ी बड़ी खुशियां अर्जित की जा सकती हैं उसी प्रकार छोटे छोटे कामों को करने से बड़े बड़े काम किए जा सकते है। इसलिए सरकारी कामकाज में हिंदी में छोटे छोटे काम करने से बड़े बड़े काम भी हो सकते हैं। इसलिए छोटे छोटे कामों से शुरूआता करें।
पुरस्कार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए राजभाषा अधिकारी ने कहा कि पुरस्कार से व्यक्ति के जीवन में खुशी आती है। व्यक्ति के जीवन में उत्साह आता है और पुरस्कार के लिए जरूरी है कि अधिकारी एवं कर्मचारी अपने काम से भावनात्मक रूप (emotional attachment) जुड़ें। काम से भावनात्मक रूप से जुड़ाव से जहां एक तरफ व्यक्ति को काम करने में आनंद आता है वही दूसरी तरफ व्यक्ति का काम बेहतर होता है।
उन्होंने आगे कहा कि मैंने जीवन में महसूस किया है कि व्यक्ति को सुखी रहने के लिए भौतिक विकास के साथ साथ आध्यात्मिक विकास जरूरी है। विज्ञान और तकनीक से व्यक्ति का भौतिक विकास होता है और साहित्य से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है। साहित्य से मन में सदभावनाओं एवं व्यक्तित्व में गुणों का विकास होता है और यही आध्यात्म का आधार है। इसलिए रेलकर्मी हिंदी साहित्य से जुड़ें।
इस अवसर पर राजभाषा हिंदी में बेहतर काम करने वाले रेलकर्मियों को मंडल रेल प्रबंधक महोदय द्वारा पुरस्कार दिया गया।
अंत में उन्होंने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपने जीवन के मूल्यावान समय को राजभाषा की बैठक में देने पर आभार व्यक्त किया।