- अनिल अंबानी के खिलाफ याचिका पर सभी विपक्षियों से जवाब तलब
सेबी अध्यक्ष व एफ आई यू डायरेक्टर को नोटिस जारी
दर्ज प्राथमिकी की पुलिस विवेचना पर लगाई रोक
सुनवाई 25जुलाई को
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उद्योगपति अनिल धीरूभाई अंबानी,उनकी पत्नी टीना अंबानी सहित परिवार व कंपनी के लोगों के खिलाफ बुलंदशहर के जहांगीराबाद थाने में एक लाख पचास हजार करोड़ के घपले आरोप में दर्ज एफ आई आर की विवेचना पर रोक लगा दी है।और राज्य सरकार,सी बी आई ,अनिल अंबानी सहित सभी विपक्षियों से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने सेबी के अध्यक्ष मुंबई व फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के डायरेक्टर नई दिल्ली को नोटिस जारी की है।
कोर्ट ने यह आदेश याची और उसके वकील को पुलिस द्वारा धमकाने व परेशान करने की शिकायत को देखते हुए दिया है।
याचिका में करोड़ों के घोटाले व याची के साथ मारपीट करने को लेकर दर्ज प्राथमिकी की सी बी आई जांच कराने की मांग की गई है। याचिका की सुनवाई 25जुलाई को होगी।
स्वतंत्र पत्रकार पवन कुमार की याचिका सुनवाई न्यायमूर्ति सुनीत कुमार तथा न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने की। याचिका पर अधिवक्ता उदय चंदानी व सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण,सी बी आई के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश,संजय कुमार यादव,आदि ने बहस की।
याची का कहना है कि विजय माल्या से दस गुना अधिक सीरियस फ्राड किया गया है।सेबी ने जांच की और रिलायंस होम फाइनेंस कंपनी को फ्राड घोषित किया है।इसपर 1514करोड बैंक व 570करोड लेनदारों के पैसे का घपला करने का आरोप लगाया गया है।
याची का कहना है कि स्थानीय पुलिस सही विवेचना नहीं कर सकती। इसलिए केस सी बी आई को स्थानांतरित किया जाय।
याचिका में ई डी को भी पक्षकार बनाया गया है। याची की अर्जी पर ए सी जे एम बुलंदशहर के आदेश पर एफ आई आर दर्ज की गई है। याचिका में अनिल अंबानी, राकेश कुमार यादव,विजय किशोर माथुर, सुरिंदर सिंह कोली,टीना अंबानी,सतीष सेठ, अनमोल अंबानी, अंशुल अंबानी,छाया वीरानी सहित दर्जनों लोगों को पक्षकार बनाया गया है।