मासूम अली असगर का चांदी का झूला बड़े अदब एहतराम अकीदत के साथ उठाया गया
*खूने जिगरे फातिमा असगर का झूला है*
*यह झूला है हुसैन का हैदर का झूला है*
*कंधा लगाओ इसमें अकीत से दोस्तों*
*निकला रसूले पाक के दिलबर का झूला है*
*मासूम सकीना के आंसू जैनब का कुतबा बोलेगा*
*कासिम के हाथों की मेहंदी असगर का झूला बोलेगा*
प्रयागराज मासूम अली असगर का ऐतिहासिक झूला चक रौजा से उठा, जिसे फूलों से सजाया गया है गौस माली ने अपनी कारीगरी से झूले में फूलों से खूबसूरती कोनिखारा है चांदी के झूले के साथ सोने का पंजा भी लगाया गया । यह जुलूस बहादुरगंज, जी.टी. रोड, बतासा मंडी, गुड़ मंडी, लोकनाथ, कोतवाली, बजाजा पट्टी, घंटाघर, सब्जी मंडी और गढ़ी सराय होते हुए अपने कदीमी रास्ते तय करता हुआ मासूम अली असगर के इमामबाड़े पर रखा गया।
इस ऐतिहासिक झूले की जियारत के लिए शिया, सुन्नी, हिंदू और मुस्लिम समाज के लाखों अकीदतमंदों ने शिरकत की।
रौजा से झूला अपने वक्त के मुताबिक उठाया जाता है या अली या हुसैन के बुलंद नारे लगाते हैं हुसैन के सौदाई अपने मजबूत कंधों पर झूले को गश्त करने के लिए निकल पड़ते हैं झूला रौजा से उठकर सड़क पर आता है हर तरफ सर ही सर दिखाई दे रहा था ऐसा लग रहा था जैसे हुसैनी सैलाब आ गया हो। पूरे रास्ते लगर हो रहा था बालूशाही शीरमाल बिरयानी पैकेट बंद चीजें पानी शरबत लंगर में दिया जा रहा था कंधा देने वालों के ऊपर पानी गुलाब जल केवड़ा छिडका जा रहा था धीरे-धीरे झूला बजाजा पट्टी पहुंचता है औरतें झूले को देखकर रोने लगती है अपने लब्बै जिगर को सीने से लगाकर झूले को देख देख कर रो रही थी *यह झूला शैदाइयों को खूब रुलाता है झूला*।
सांसद विधायक दर्जनों पार्षद समाजसेवी सिविल डिफेंस झूले के संयोजक गुलाब नबी गुलाम मोहम्मद चांद मियां मोहन जी टंडन इमरान खान नेम यादव अकरम शगुनअजीम पहलवान गुफरान गुल्लू पहलवान नजमी बबलू मोबाइल गुलाम रब्बानी आजम पहलवान इलियास नियाजी मो० आमिर रिजवान चूड़ी अरसद चूड़ी नियाज अहमद अनीस मास्टर फारूक नियाजी अफरोज नियाजी जहीर अब्बास फहद अलहम अर्श अरहान गजली गुलाम दस्तगीर बिलाल रहमान अली महबूबडाबर मोहम्मद लाईक शम्स ताज जिया सिद्दीकीऔर लाखों हुसैन के शैदाइ झूले में शामिल हुए।