Sunday, December 22Ujala LIve News
Shadow

मुविवि में महादेवी वर्मा के साहित्य में मानवीय संवेदना पर व्याख्यान का आयोजन

Ujala Live

 

मुविवि में महादेवी वर्मा के साहित्य में मानवीय संवेदना पर व्याख्यान का आयोजन

प्रयागराज

कुलदीप शुक्ला की रिपोर्ट 

सजल वेदना है महादेवी के काव्य में – प्रोफेसर सरोज सिंह

महादेवी वर्मा करुणा और वेदना की कवियत्री हैं। उनका संपूर्ण साहित्य काव्य और गद्य में विभक्त है। मानवीयता तो उनके साहित्य में कूट-कूट कर भरी है। गद्य में वह सशक्त भारतीय स्त्री का प्रतिनिधित्व करती हैं तो वहीं उनके काव्य में सजल वेदना का दर्शन होता है।
उक्त उद्गार प्रोफेसर सरोज सिंह, अध्यक्ष, हिंदी विभाग, सी एम पी पीजी कॉलेज ने बुधवार को उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में व्यक्त किए। प्रोफेसर सिंह महादेवी वर्मा के साहित्य में मानवीय संवेदना विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में व्याख्यान दे रही थीं।
उन्होंने कहा कि महादेवी वर्मा छायावाद का प्रमुख स्तंभ रही हैं। उनका जीवन बौद्ध दर्शन से प्रभावित रहा। वह प्रकृति व प्रतीकों के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यंजित करती हैं। उनका जीवन दर्शन मनुष्य को प्रेरणा देता है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि महादेवी वर्मा अपनी रचनाओं के माध्यम से वंचितों को न्याय दिलाने की कोशिश करती हैं। नारीत्व की विविध अनुभूतियों का संचयन उनके उनके जीवन में दिखाई देता है।
अध्यक्षता करते हुए प्रबंधन अध्ययन विद्या शाखा के निदेशक प्रोफेसर ओमजी गुप्ता ने कहा कि प्रयाग महादेवी वर्मा की कर्मभूमि रही है। महादेवी वर्मा ने बहुत व्यापक अर्थ में सौंदर्य को परिभाषित किया है तथा संकेतों में गद्य का निर्माण किया है। महादेवी की काव्य रचना मानवीय संवेदना बनाए रखने के लिए समाज को नया संदेश देती है।
प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत मानविकी विद्या शाखा के निदेशक एवं व्याख्यान के संयोजक प्रोफेसर सत्यपाल तिवारी ने किया। उन्होंने कहा कि महादेवी वर्मा का साहित्य मानवीय संवेदना से ओतप्रोत है।
आयोजन सचिव प्रोफेसर रुचि बाजपेई ने संचालन तथा डॉ सतीश चंद्र जैसल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशक, शिक्षक एवं शोध छात्र आदि उपस्थित रहे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× हमारे साथ Whatsapp पर जुड़ें