शाइन सिटी घोटाला:
जेल में बंद अभियुक्त कर रहा बैनामा
हाईकोर्ट जांच से असंतुष्ट
सीरियस फ्राड व प्रवर्तन निदेशालय के
निदेशक और आर्थिक अपराध शाखा के महानिदेशक तलब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाइन सिटी घोटाले की सुनवाई के दौरान जांच एजेंसियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई।
और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एवं सीरीयस फ्रॉड जांच कार्यालय के
निदेशक और यूपी आर्थिक अपराध शाखा के महानिदेशक को तलब
किया है।
कोर्ट ने कहा साइन सिटी के आरोपी एक निदेशक जेल में बंद है। इसके बावजूद भी वह कंपनी के
प्लॉट्स का बैनामा कैसे कर रहा है? कोर्ट ने जेलर सहित जिम्मेदार अफसरों की
कार्यशैली पर भी सवाल उठाए और पूरी रिपोर्ट तलब
की है।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की
खंडपीठ ने श्रीराम राम सहित निवेशकों की ओर से दाखिल याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है।
कोर्ट ने पूछा की सख्ती के बावजूद शाइन सिटी ग्रुप ऑफ कंपनी की ओर से
लगातार घोटाले कैसे किए जा रहे हैं?
क्या जांच एजेंसियां सो रही हैं।
रेरा
से इनके लाइसेंस खत्म होने के बाद और जेल में रहते हुए डायरेक्टर आसिफ नसीम
ने कैसे 850 बैनामें कर दिए। जबकि, रिकॉर्ड में उसकेपास 330 प्लॉट ही थे।
कोर्ट ने पूछा कि जेलर ने कैसे अनुमति दी और तहसीलदार ने कैसे दाखिल खारिज
किया।
कोर्ट
ने इसकी भी जांच के आदेश दिए हैं।
कोर्ट में शाइन सिटी की तरफ से दाखिल किए गए हलफनामे में तमाम
कस्टमर्स के नाम और उनके मोबाइल नंबर दिए गए और यह दावा किया गया कि इन
निवेशकों के पैसे या तो लौटा दिए गए हैं या उन्हें जमीनें दे दी गई हैं। इस
पर कोर्ट ने जानना चाहा कि कंपनी की तरफ से जो कहा जा रहा है।
उसकी क्रास चेकिंग की गई या नहीं। हालांकि, जांच एजेंसियों की ओर से इस
पर कोई जवाब नहीं दिया गया। कोर्ट ने पूछा कि क्या जांच सिर्फ एफआईआर की
संख्या गिनने तक सीमित रह गई है।
कोर्ट ने ईडी का पक्ष रख रहे केंद्र के
अधिवक्ता की ओर से की गई जांच के संबंध में जानकारी मांगी।
कहा फ्रॉड करने वाले
दूसरी कंपनियों के जरिए शाइन सिटी के इंवेस्टर्स के पैसे लगाए जा रहे हैं
लेकिन ईडी ने कोई कार्रवाई नहीं की ।
याचियों की ओर से कहा गया कि कंपनी का सीएमडी दुबई में बैठकर भव्य
ब्रॉडकास्ट प्राइवेट लिमिटेड के 68 लाख में से 58 लाख शेयर शाइन सिटी
प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम खरीद लिए।
इसके अलावा 75-75 हजार शेयर सीएमडी राशिद नसीम की पत्नी सलमा परवीन व
उसके छोटे भाई आसिफ नसीम की पत्नी जीनत फातिमा के नाम है। कोर्ट ने पूछा कि शाइन सिटी के कितने
प्रोजेक्ट हैं। प्लॉट कितने ऑफर किए गए हैं।
बताया कि दो हजार से अधिक
इन्वेस्टर्स ने शाइन सिटी कंपनी में पैसा निवेश किया है।
फ्रॉड के साढ़े
चार सौ से अधिक एफआईआर कंपनी के खिलाफ दर्ज हैं।
बताया गया जांच के दौरान सवा सौ एकाउंट सीज किए गए हैं। उसमें कंपनी के 68 लाख
रुपये हैं। जबकि, फ्रॉड 66 हजार करोड़ रुपये का है। इस पर कोर्ट ने मामले
की सुनवाई के लिए चार नवंबर की तिथि निर्धारित करते हुए जांच एजेंसियों के
अधिकारियों को तलब किया है।
सुनवाई केदौरान निवेशकों के वकील सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव ने शाइन सिटी
कंपनी की एसबीसी का व्हाइट पेपर कोर्ट में पेश किया। बताया कि कंपनी ने
साल 2018 में क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत की थी। इसमें कंपनी के 17 लाख सदस्य बनाए गए थे।
12.5 करोड़ शेयर इस कंपनी के जारी किए गए थे। कंपनी के टोकन शेयर की कीमत
135 रुपये रखी गई थी। इसके अलावा मलेशिया की पावरलेक्स कंपनी को भी शाइन
सिटी कंपनी की फ्रेंचाइजी दी गई है।
इस पर कोर्ट ने एजेंसियों को राशिद
नसीम के प्रत्यर्पण की कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी कर उसे दुबई से भारत
लाए जाने के निर्देश दिए।