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विश्व आयुर्वेद मिशन द्वारा भारत रत्न महामाना मालवीय एवं अटल जयंती पर संगोष्ठी एवं तुलसी पूजन का आयोजन

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विश्व आयुर्वेद मिशन द्वारा भारत रत्न महामाना मालवीय एवं अटल जयंती पर संगोष्ठी एवं तुलसी पूजन का आयोजन

 

रिपोर्ट:अनुराग अस्थाना

विश्व आयुर्वेद मिशन द्वारा सुशासन दिवस के अवसर पर पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती त्रिवेणीपुरम, झूँसी स्थित ग्रीन पार्क में धूमधाम से मनाई गयी। इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में विश्व आयुर्वेद मिशन के अध्यक्ष प्रो.(डा) जी एस तोमर एवं अन्य पदाधिकारियों ने महान विभूतियों के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर एवं आरोग्य के प्रतीक तुलसी का पूजन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
डा तोमर ने कहा कि प्रायगराज मे जन्मे भारतरत्न मदन मोहन मालवीय का जीवन सेवा एवं राष्ट्रभक्ति से ओत प्रोत था।सरल स्वाभाव, निष्पक्ष वाणी, कर्तव्य के प्रति निष्ठा, धैर्य एवं साहस उनकी शक्ति थी।
उन्होंने भारतवासियों को एकता के सूत्र मे बांधकर ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ क्रांति की अलख जगाई।
वे उदरवादी राष्ट्र भक्त थे, इसलिए गांधीजी ने उन्हे महामना की उपाधि से अलंकृत किया।महामना ने शिक्षक, क्रांतिकारी, पत्रकार, कवि, अधिवक्ता, नेता, समाजसेवी जैसे विभिन्न रुपों में समाज का नेतृत्व किया।
भिक्षा मांगकर शिक्षा का अलख जगाया जो काशी हिंदू विश्वविद्यालय के रूप मे विश्व मे अपना परचम फहरा रहा है।
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी मूल्यों और आदर्शों की राजनीति के साधक, प्रखर वक्ता, उत्कृष्ट कवि थे जिनका ऋषियों जैसा जीवन सभी राष्ट्र आराधकों के लिए प्रेरणा है। बाल कवि प्रज्ञान पाण्डेय ने अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा रचित कविता “आओ फिर से दिया जलाएं” से सभी को मंत्र मुग्धकर दिया।
संजय गुप्ता ने कहा कि महामना ने काशी मे पंडित श्री राम शर्मा आचार्य को गायत्री मंत्र की दीक्षा देकर गायत्री परिवार की स्थापना का मार्ग दिखाया।
आज गायत्री परिवार वैश्विक परिदृश्य में एक बड़ा आध्यात्मिक संगठन बन चुका है जो भारतीय संस्कृति व अध्यात्म विद्या की संचेतना को जन-जन तक पहुंचाने में लगा है।
इस अवसर पर दोनो विभूतियों की स्मृति मे औषधीय पौधे भी लगाए गये।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डा अवनीश पाण्डेय ने कहा कि
देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहे महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की दृष्टि समाज की प्रत्येक स्थिति और गतिविधियों के पड़ रहे प्रभाव पर थी। इसके लिए महामना ने विविध क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्तित्वों को पहचाना और उन्हें अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी।
प्रोफेसर रमेश मिश्र ने कहा कि पंडित मदनमोहन मालवीय ने भारतीय संस्कृति और शिक्षा पर आधारित शिक्षा व्यवस्था देने के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर दिया और काशी की विद्वत परंपरा और आधुनिक शिक्षा के समन्वय को और समृद्ध बनाया। कार्यक्रम का संयोजन में डॉ अवनीश पाण्डेय, सह सचिव , विश्व आयुर्वेद मिशन, श्री राजेंद्र कुमार सिंह, संगठन सचिव, विश्व आयुर्वेद मिशन, उ.प्र. एवं श्री अनुराग अस्थाना, कोषाध्यक्ष, विश्व आयुर्वेद मिशन, उ.प्र. ने किया ।
इस अवसर पर डा भरत नायक, डा हेमंत सिंह, डा हजारी लाल, डा निर्मला तोमर, श्री लल्लन सिंह, प्रो रमेश मिश्र, श्री कमल सिंह कुशवाहा, डा आशीष कुमार मौर्य, निशांत, कार्तिकेय सहित अनेक लोग उपस्थित रहे। युवा फ़ोटोग्राफ़र कृतार्थ अस्थाना ने अपनी सजीव फ़ोटोग्राफ़ी से कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान प्रस्तुत किया ।

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