माफ़िया डॉन अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा के खिलाफ रंगदारी का मुकदमा दर्ज होने के बाद विजय ने दी सफाई
फाइल फ़ोटो
प्रयागराज के अतरसुइया थाने में अतीक अहमद के अधिवक्ता विजय मिश्रा के खिलाफ रंगदारी मांगने का मामला दर्ज हुआ है। जिसके बाद इस पूरे मामले में शिकायतकर्ता सईद अहमद ने चुप्पी साध ली है। इस विषय में अधिवक्ता विजय मिश्रा द्वारा मीडिया को बयान देते हुए इस मामले को पूर्ण रूप से फर्जी एवं निराधार घोषित कर दिया है।
इस पूरे मामले में अधिवक्ता विजय मिश्रा द्वारा मीडिया को जानकारी दी गई है कि, लेने देन का मामला हम लोगों के बीच जरूर था जो मात्र 01 लाख 20 हजार का है जिसमें से उन्होंने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के तहत 01 लाख के लगभग पेमेंट कर दिया है, तथा बाकी का पैसा भी वह पेमेंट कर देते लेकिन 15 अप्रैल को अतीक अहमद एवं अशरफ की हत्या कर दी जाती है, और उस वक्त वह स्वयं ही उस स्थान पर मौजूद थे इस वजह से वह मानसिक रूप से काफी परेशान हो गए थे। अतः बाकी का पैसा वह समय अनुसार नहीं दे पाए इसी बीच पुलिस द्वारा लगातार उनके फोन की टैपिंग किया जा रहा था। जिसकी वजह से पुलिस को मेरे इस लेनदेन के बारे में पूरी तरीके से जानकारी थी। पुलिस द्वारा कूट रचित तरीके से सईद अहमद पर मानसिक दबाव बनाया गया था, और जिसके कारण सईद अहमद ने मेरे खिलाफ अतरसुइया थाने पर यह प्रार्थना पत्र दिया, जिसकी बिना किसी पूर्व जांच के मुकदमा दर्ज कर मुझे अपराधी बनाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने आगे यह भी कहा कि अतीक अहमद का वकील होने के कारण मुझपर पहले भी मानसिक रूप से दबाव बनाया गया था एवं मेरे द्वारा इनकार करने पर मेरे खिलाफ यह राज साजिश रची गई है। यहां तक शौकत हनीफ द्वारा दिया गया बयान भी पूरी तरीके से पुलिस द्वारा बनाए गए दबाव के उपरांत दिया गया बयान जाहिर हो रहा है।
गौरतलब हो कि खान सौलत हनीफ ने पुलिस रिमांड के दौरान यह बयान दिया था कि विजय मिश्रा ने व्हाट्सएप कॉल के जरिए 24 फरवरी को उमेश पाल के कोर्ट से निकलने की जानकारी उनके हत्यारों को दी थी। उसके बाद से लगातार विजय मिश्रा के फोन को ट्रैप किया जा रहा था उसके बाद 20 मई को अतरसुइया थाने में एडवोकेट विजय मिश्रा के खिलाफ रंगदारी का मामला भी दर्ज करा दिया जाता है। अब इस पूरे मामले में जहां शिकायतकर्ता सईद अहमद मीडिया के सामने आने से कतरा रहे हैं, वहीं विजय मिश्रा द्वारा मीडिया को दिए गए बयान से यह साफ जाहिर होता है कि कहीं कोई एक बड़ी साजिश की रचना की जा रही है। अब पुलिस के जांच का विषय है क्या सचमुच विजय मिश्रा द्वारा यह अपराध किया गया है या फिर किसी साजिश के तहत उन्हें इस पूरे मामले में फंसाया जा रहा है।