उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय के राजभाषा विभाग द्वारा क्षेत्रीय रेल स्तर पर हिंदी को बढ़ावा देने को हुए विविध कार्यक्रम
राजभाषा हिंदी के प्रयोग-प्रसार में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की रचनात्मक सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से महाप्रबंधक श्री सतीश कुमार के निर्देशानुसार और मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं प्रधान मुख्य संरक्षा अधिकारी श्री मनीष कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन में उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय के राजभाषा विभाग द्वारा क्षेत्रीय रेल स्तर पर हिंदी टिप्पण एवं प्रारूप लेखन, हिंदी निबंध लेखन एवं हिंदी वाक् प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं में मंडलों, कारखानों और मुख्यालय के कर्मचारियों ने अत्यंत उत्साह से भाग लिया। ‘आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस के विविध उपयोग : फायदे और जोखिम’ विषय पर आयोजित हिंदी वाक प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने विविध क्षेत्रों में आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस के उपयोग के फायदे और जोखिम बारे में अपने विचार व्यक्त किए और रेलवे की कार्यप्रणाली, यात्री सुविधाओं, रेल संचालन सहित राष्ट्रीय जीवन के विकास में इसके सकारात्मक उपयोग के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर निर्णायक के रूप में उपस्थित उप मुख्य सतर्कता अधिकारी/यातायात डॉ. जीतेन्द्र कुमार ने कहा कि कृत्रिम मेधा प्रकारांतर से सूचनात्मक ज्ञान के प्रतिमानीकरण पर आधारित है, जबकि मानवीय बुद्धि नैतिक एवं मूल्यपरक चेतना तथा संवेदना से जुड़ी हुई हैं। आखेटक, पशुपालक, कृषि तथा औद्योगिक समाज की सभ्यतागत यात्रा के पड़ाव तय करते हुए आज हम सूचना तकनीक समाज में पहुँच गए हैं, जिसका सबसे नवीनतम स्वरूप आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस है। डॉ. जीतेन्द्र कुमार ने कहा कि मानवीय बोध और प्रज्ञान पर आधारित मानव बुद्धि के आगे आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस सदैव गौण रहेगा। व्यक्ति और समाज को इस आधुनिकतम तकनीक के इस्तेमाल में आत्म नियंत्रण और आत्मानुकूलन बरतना चाहिए। इस अवसर पर दूसरे निर्णायक के रूप में उपस्थित उप मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं उप विसमुलेधि/वित्त एवं बजट श्री शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि जनरेटिव एआई आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस का नया आयाम है। एआई द्वारा तेज गणना और सभी पूर्वानुमान किया जा सकता है। लेकिन इसके खतरे और जोखिम भी बहुत अधिक हैं, जिसमें डेवलपर की पूर्वाग्रह भावना, पारदर्शिता का अभाव, तथ्याधारित, सहनुभूतिपरक एवं आत्मनिष्ठ निर्णय की अक्षमता, निजता का हनन, साइबर अपराध, समाज के कमजोर वर्गों के बीच असमानता और डिजिटल डिवाइड जैसे पहलू शामिल हैं। श्री सिंह ने एआई के इस्तेमाल के सुदृढ़ कानूनी और नियामकीय व्यवस्था की आवश्यकता पर बल दिया। इस प्रतियोगिता में श्री राजीव सिंह, वरि. तकनीशियन, बिजली/सामान्य, प्रयागराज मंडल को प्रथम स्थान, सुश्री शिवानी पाण्डेय, सहायक/सिगनल एवं दूर संचार, स्टेशन प्रबंधक, एट, आगरा मंडल को द्वितीय स्थान तथा पवन कुमार पाण्डेय, यातायात निरीक्षक, प्रयागराज मंडल को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम का संयोजन वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी चन्द्र भूषण पाण्डेय ने किया तथा संचालन राजभाषा अधिकारी यथार्थ पाण्डेय द्वारा किया गया।