- प्रोफेसर (डॉ०) जी एस तोमर को महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद का सदस्य नामित किया गया-
आयुर्वेद को लोकप्रियता के शिखर तक पहुंचाने एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति को वैज्ञानिक दृष्टि प्रदान करने वाले वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक एवं राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय हंडिया प्रयागराज के पूर्व प्रधानाचार्य प्रोफ़ेसर (डॉ०) जी एस तोमर को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर की कुलाधिपति द्वारा उत्तर प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद का सदस्य नामित किया गया है।
चालीस वर्ष से भी अधिक चिकित्सा अनुभव के साथ डॉ तोमर पीड़ित मानवता की सेवा में निरन्तर समर्पित भाव से कार्यरत हैं । आयुर्वेद की शिक्षा, चिकित्सा एवं शोध में सक्रिय रूप से कार्य करते हुए डॉ तोमर ने हिपेटाइटिस बी एव सी के साथ साथ गठिया तथा मधुमेह की चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी शोध के द्वारा अभूतपूर्व कार्य किया है। हाल ही में डॉ तोमर को राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय गुरु भी नामित किया गया है।इसके साथ आप स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के आयुष-एनटीईपी कोलेबोरेसन के तकनीकी कार्य समूह के माननीय सदस्य के रूप में भी कार्य कर रहे हैं। इसके पूर्व आप राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय हण्डिया के प्राचार्य, कानपुर विश्वविद्यालयस्थ आयुर्वेद एवं यूनानी संकाय के डीन, बी एच यू में एडजंक्ट प्रोफ़ेसर के रूप में भी कार्य कर चुके हैं ।
विश्व आयुर्वेद मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं आरोग्य भारती के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ तोमर को अपने उल्लेखनीय कार्य के लिए “शिक्षा श्री अवार्ड”, “प्रयाग गौरव सम्मान”, “एक्सीलेंस अवार्ड” एवं न्यूयार्क, अमेरिका से बीसवीं सदी का स्कॉलर अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है ।
ज्ञातव्य हो कि प्रदेश के आयुष विधा के सभी सरकारी एवं प्राइवेट कॉलेज सत्र 2021-22से महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर से सम्बद्ध हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में आयुर्वेद को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है।