संगम नगरी प्रयागराज में दुर्गा पूजा महोत्सव सम्पन्न
रिपोर्ट-आलोक मालवीय
प्रयागराज में माता दुर्गा पंडालों से विदा हो गईं।शहर भर में मायके से वापस जाने पर माता की बिदाई का जश्न मनाया गया।पांडालों में सिंदूर दान की विशेष रस्म आयोजित की गई।अंदावा के कृत्रिम तालाब में 700 से अधिक प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।फाफामऊ और अरैल में भी दुर्गा मूर्तियों के विसर्जन किये गए।कुछ देवी पांडालों में इस अवसर पर विशेष आयोजन कर पूजा की गई।
शारदीय नवरात्र के अनुष्ठानों की पूर्णाहुति के साथ ही पंडालों में प्रतिष्ठापित दुर्गा प्रतिमाओं को भक्तों ने भावपूर्ण विदाई दी। बाजे गाजे के साथ वाहनों पर मां की विसर्जन शोभायाएं निकाली गईं। रास्ते भर अबीर-गुलाल उड़ाते , नाचते और जयकारा लगाते हुए भक्त मां को विदा करने निकले भक्तों की भीड़ देखी गई। अंदावा के तालाब में सविधि पूजन के साथ ही प्रतिमाओं का विसर्जन कर दिया गया।
बाजे गाजे के साथ सुसज्जिच वाहनों पर प्रतिमाओं को लेकर हर गली-मुहल्ले से भक्तों की टोलियां विसर्जन यात्राएं लेकर निकलीं। अंदावा में बने तालाब के किनारे सविधि पूजन-अर्चन कर मां दुर्गा की प्रतिमाओं को विदा किया जाने लगा। मां को विदा करने के लिए सुबह से ही पूजा पंडालों में सिंदूर खेला का कार्यक्रम किया गया।पहले विधिवत माता दुर्गा की धुनी आरती की गई।
उसके बाद विशेष अनुष्ठान हुए।भोग के बाद पांडालों में भंडारे का आयोजन किया गया।उसके बाद सिंदूर खेला का विशेष कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं ने माता से अखंड सौभाग्य की कामना की।सिंदूर दान के बाद माता की बिदाई दुर्गा पूजा पांडालों से डी जे की धुन पर डांस करते हुए की गई।