सूर्य को अर्घ्य देने मां नर्मदा के तट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़,4 दिवसीय छट पर्व सम्पन्न
जबलपुर। (उमा शंकर मिश्रा ) सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ, कांच ही बांस की बहंगिया, बहंगी लचकत जाए। छठ मैया के पूजन पर रविवार को व्रतधारियों के मुख से निकले ये बोल भक्ति रस की गंगा बहा रहे थे।
नर्मदा तट ग्वारीघाट, तिलवारा घाट, गुलौआ ताल, अधारताल, गोकलपुर तालाब समेत 18 पूजन स्थलों में छठ मैया का पूजन किया गया। आयोजन स्थल रोशनी से दैदीप्यमान थे। आकर्षक विद्युत साज सज्जा के साथ ही तटों पर आकर्षक रंगोली बनाई गई थी। पूजा स्थलों पर पहुंचकर भगवान सूर्य देव और छठ माता का पूजन कर व्रतधारियों ने परिवार की खुशहाली, बेटे व पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना की।
सूर्य को अर्घ्य देने के लिए नर्मदा तत्व सहित शहर के तालाबों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजन करने के लिए पहुंचे। गन्ने का मंडप बनाकर पानी में कमर तक खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देने का नजारा पूर्वांचल की झलक दिखा रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे संस्कारधानी में पूर्वांचल समा गया हो।
सोमवार को उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पर्व पूर्ण हो गया।