प्रार्थना, प्रकाश और प्रेम का उत्सव: होली ट्रिनिटी चर्च में श्रद्धा के साथ मना क्रिसमस

रिपोर्ट उमा शंकर मिश्रा
जबलपुर के ऐतिहासिक होली ट्रिनिटी चर्च में क्रिसमस का पावन पर्व इस वर्ष भी आस्था, उल्लास और भाईचारे के संदेश के साथ मनाया गया। क्रिसमस की पूर्व संध्या से ही चर्च परिसर को रंग-बिरंगी रोशनी, सितारों और फूलों से आकर्षक रूप से सजाया गया, जिससे पूरा वातावरण उत्सवमय हो उठा। देर शाम से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु चर्च पहुंचने लगे और विशेष प्रार्थना सभाओं में शामिल हुए।
क्रिसमस के अवसर पर आयोजित मध्यरात्रि प्रार्थना सभा में बच्चों, महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। चरनी में विराजमान बाल यीशु की प्रतिमा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं। श्रद्धालु पारंपरिक श्रद्धा के अनुसार बाल यीशु की प्रतिमा को चूमते हुए सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते नजर आए। यह दृश्य आस्था और विश्वास की गहरी भावना को दर्शाता रहा।
चर्च परिसर में बनाई गई चरनी विशेष आकर्षण का केंद्र रही, जिसमें माता मरियम, यूसुफ, चरवाहे और भेड़ों के साथ बाल यीशु का जन्म दृश्य सजीव रूप में प्रस्तुत किया गया। कई श्रद्धालु मोमबत्तियां जलाकर शांत मन से प्रार्थना करते दिखे, जबकि बच्चों में क्रिसमस को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला। सांता क्लॉज की वेशभूषा, क्रिसमस गीतों और आपसी शुभकामनाओं ने माहौल को और भी जीवंत बना दिया।
इस अवसर पर पादरियों ने अपने संदेश में कहा कि क्रिसमस प्रेम, करुणा और सेवा का पर्व है, जो समाज में भाईचारे और मानवता की भावना को मजबूत करता है। उन्होंने लोगों से जरूरतमंदों की मदद करने और शांति का संदेश फैलाने की अपील की। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और सुव्यवस्थित प्रबंधन के बीच क्रिसमस का यह पर्व शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ।
