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प्रतापगढ किले पर हर साल शिव प्रतापगढ मना रही है महाराष्ट्र सरकार

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प्रतापगढ किले पर हर साल शिव प्रतापगढ मना रही है महाराष्ट्र सरकार

रिपोर्ट:पीयूष पांडेय

महाराष्ट्र सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा अफजल खान की मौत पर प्रतापगढ किले पर हर साल शिव प्रतापगढ मना रही है,

अफजल खान ने छत्रपति शिवाजी महाराज को 10 नवंबर, 1659 के दिन प्रतापगढ़ के पास मिलने के लिए संदेश भेजा. शिवाजी ने उसके आमंत्रण को स्वीकार करते हुए नियत स्थान पर समय पर पहुंचने का आश्वासन दे दिया. यह मुलाकात प्रतापगढ़ के पास एक शामियाने में होनी थी. अफजल खान की योजना थी कि ज्यों ही शिवाजी महाराज उससे गले मिलेंगे, उसने अपनी कटार शिवाजी के पेट में घोंपना चाहा, मगर शिवाजी अफजल षड्यंत्रों से पूर्व परिचित थे. वह अपने शरीर पर कवच और पंजों में बघनख (बाघ का नाखून) पहनकर आये थे, उन्होंने तुरंत अपने बघनख से अफजल खान का पेट चीर कर उसे मौत की नींद सुला दिया.

धूमधाम से मनाते हैं प्रतापगढ़ में शिव प्रताप दिवस

छत्रपति शिवाजी महाराज की इसी दूरदर्शिता एवं विजय की खुशी में महाराष्ट्र के प्रतापगढ़ में इस दिन महाराष्ट्र में शिव प्रताप दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर प्रतापगढ़ में बहुत बड़ा मेला लगता है. प्रतापगढ़ स्थित शिवाजी की कुल देवी की परंपरागत तरीके से पूजा की जाती है. शिवाजी की विशाल प्रतिमा को स्नान कराने के बाद माल्यार्पण किया जाता है और विजय ध्वज फहराया जाता है, तत्पश्चात किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की पालकी निकाली जाती है.

इस बार क्यो है खास – महाराष्ट्र सरकार ने अफजल खान की कब्र के पास बने अवैध कंस्ट्रक्शन को पूरी तरीके से जमीन दोष कर दिया जिसको लेकर अफजल खान को समर्थन तमाम सारे संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की जहां सुप्रीम कोर्ट ने याचिका सुनने से मना कर दिया और सरकार के फैसले को सही बताया अब जब महाराष्ट्र में हिंदुत्ववादी सरकार होने का एकनाथ शिंदे दावा कर रहे हैं तो ऐसे में वह इस घटना को छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ जोड़कर इस घटना को जोर शोर से जस्ट की तरह मनाने की तैयारी है

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