मुक्त विश्वविद्यालय में ई गवर्नेंस पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन
रिपोर्ट :कुलदीप शुक्ला
लक्ष्य निर्धारण में भारतीय मूल्यों का समावेश जरूरी- प्रोफेसर संजीव शर्मा
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के समाज विज्ञान विद्या शाखा के तत्वावधान में भारतीय सामाजिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘भारत में ई- गवर्नेंस और सार्वजनिक सेवाओं का वितरण: उभरते मुद्दे, चुनौतियां एवं भविष्य’ का शनिवार को समापन हो गया।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा, पूर्व कुलपति, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी ने कहा कि तकनीक साध्य नहीं साधन है। उन्होंने ई व्यवस्था की सम्यक उपयोग की बात की। समाज विज्ञानी के रूप में इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों पर अत्यधिक निर्भरता चिंता का विषय है। हमें इसके प्रयोग की सीमाओं को जानना होगा। उन्होंने भारतीय चिंतन मनीषा का वर्णन करते हुए कहा कि हमें अपने लक्ष्यों के निर्धारण में भारतीय मूल्यों का भी समावेश करना चाहिए।
इससे पूर्व देश के जाने-माने कवि कुमार डॉ कुमार विश्वास के बड़े भाई प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा के विश्वविद्यालय पहुंचने पर उनका हार्दिक स्वागत किया गया। उनके ओजपूर्ण उद्बोधन ने समां बांध दिया।
मुख्य वक्ता प्रोफेसर आर एस यादव, कुलपति, बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय, रोहतक ने संगोष्ठी की विषयवस्तु पर बात करते हुए कहा कि तकनीक ने अर्थव्यवस्था को जोड़ने का कार्य किया है। साथ ही तकनीक सूचनाओं के तीव्र आदान-प्रदान हेतु एक साधन भी है। सरकारी क्षेत्र में तकनीक प्रत्येक क्षेत्र में विकास का साधन है परंतु हमें इसके उपयोग की सीमाओं को जानना और पहचानना होगा तथा उसी के अनुरूप प्रयोग करना सीखना होगा।
समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि गुड गवर्नेंस में ई गवर्नेंस निरंतर सहयोग दे रहा है। हम इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के गुण और दोष को समझ कर इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। इसके लिए हमें प्रत्येक व्यक्ति को तकनीक के प्रति जागरूक करना होगा।
आरंभ में अतिथियों का स्वागत सेमिनार के निदेशक प्रोफेसर एस कुमार ने किया। दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार की रिपोर्ट डॉ दीपशिखा श्रीवास्तव ने प्रस्तुत की। संचालन डॉ त्रिविक्रम तिवारी एवं धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ आनंदानंद त्रिपाठी ने किया।