हमरे गऊवां चले डगरिया पर झूमे श्रोता,चल के त्रिवणी नहाय ल गीत ने दर्शकों किया मंत्रमुग्ध
हर-हर महादेव, गगा मइया के जय उद्धोष के साथ रविवार को चलो मन गगा यमुना तीर का पंडाल गूंजायमान हो उठा। उत्तर मध्य क्षेत्र, प्रयागराज की ओर से आयोजित दस दिवसीय कार्यक्रम चलो मन गंगा यमुना तीर के पांचवे दिवस का आगाज रविवार को रंजीत कुमार के बिरहा गायन से होता है, जिसमें उन्होंने विधाता दुनिया कैसे के रहे दुखवा मिटे न को प्रस्तुत कर प्रकृति और मानव के संबंध को बखूबी से पेश किया। इसके बाद साध्वी सेवा दास एंव दल ने जो सुख पायो राम भजन में, दगा हो गा बालम गई झूलनी टूटी निर्गुण भजन प्रस्तुत कर सुरमयी शाम को कबीर की भक्ति में भक्तों को सराबोर कर दिया। अवधी गायक राजू सिंह ने तिरंगा टाइगर हिल पर लहरा था अबकी लहराएगें गीत पेश कर लोगों में देशभक्ति का संचार कर दिया। वही लोकगायिका कल्पना गुप्ता एवं दल ने चल के त्रिवेणी नहाय ल, माई मोरी बिगड़ी बनाई देई तथा विदेशिया गीत सारे जगतिया से सुन रे को प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। तालियों गड़गड़ाहट के बीच भोजपुरी गायक नीरज पाण्डेय ने कान्हा पहन कर चुनर धानी अईले कहले राधा रानी एवं गऊवा चले डगरिया मोर चिरौय्या गीत की प्रस्तुति देकर गांव की पंगडंडियों की याद ताजा कर दिया। वहीं विजय चन्द्रा एवं अनूप बनर्जी का मंच पर आगमन होता है, उन्होंने पायो जी मैंने राम रतन धन पायो पर आधुनिक सिंथसाइजर के वादन से श्रोताओं से खूब वाहवाही लूटी। जैसे-जैसे मौसम का मिजाज बदल रहा था आस्था का भाव दर्शकों में उमड़ रहा था। इसी बीच कृष्णा प्रसाद एवं दल ने कजरी गीत पिया मेहदी मंगादे मोती झील से, कैसे खेलन जाइबो सजन कजरिया बदरिया घेरी आई नंनदी की प्रस्तुती दी। राजस्थान का घूमर, बलिया का गोड़ऊ, बिहार का विदेशिया और मथुरा का मयूर की मनमोहक नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। संगत कलाकारों में पप्पू, अनिल कुमार, लाल चन्द्र दास ने साथ दिया। कार्यक्रम का संचालन डा.पीयूष मिश्रा ने किया।