स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉक्टर राम याद सिंह स्मारक समिति के तत्वाधान में राष्ट्रवादी काव्य गुलाल अखिल भारतीय कवि सम्मेलन पुलिस बूथ चौराहा, कीडगंज, प्रयागराज में उत्कृष्ट रचनाओं के बीच संपन्न हुआ। उक्त कवि सम्मेलन में कवि सम्मेलन के सूत्रधार आयोजक रणविजय सिंह ने आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रवादी काव्य गुलाल की कल्पना को प्रत्येक वर्ष रचनाकार साकार करता है सौभाग्य है, आज उत्तर प्रदेश के यशस्वी कैबिनेट मंत्री माननीय नंद गोपाल गुप्ता नंदी जी उपस्थित है, उनका जन्मदिन भी है उन्हें बधाई और शुभकामनाएं देते हुए अभिनंदन स्वरूप उनके जन्मोत्सव पर आयोजन कमेटी की ओर से 48 पाउंड का केक मंत्री जी के हाथों कटवाया गया । अपने अभिनंदन से अभिभूत होकर बतौर मुख्य अतिथि नंद गोपाल गुप्ता नंदी जी ने कहा कि प्रत्येक वर्ष राष्ट्रवादी काव्य गुलाल आयोजित होता है और मुझे परोक्ष या परोक्ष रूप से सम्मिलित होना भी पड़ता है यह प्रयाग का सौभाग्य है कि यहां बड़े-बड़े साहित्य मनीषी हुए हैं और आज भी उस परंपरा को साहित्यकारों ने कायम रखा है रचनाकारों की भूमिका देश और समाज के हित के लिए हमेशा प्रेरणादायक रही है।कवि सम्मेलन का संचालन प्रख्यात उद्घोषिका डॉ आभा श्रीवास्तव ने किया,उन्होंने कवि सम्मेलन में वाणी वंदना कर अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर डाला ।
आपके आप के आईने में अगर मैं नहीं, आप चेहरे से अपने मुकर जाइए।
तत्पश्चात रायबरेली से पधारे हास्य व्यंग के प्रख्यात कवि संदीप शरारती ने अपनी कविताओं से लोगों को भरपूर गुदगुदाया।
आई हो पास जबसे मोटी आय की तरह,
लगने लगी हो तबसे गर्म चाय की तरह,,
तुम मुझमें थोड़ा प्यार की हरियाली देखकर,
मेरे दिल में घुस गयी हो नीलगाय की तरह,,
तदुपरांत इटावा से पधारे ओज के प्रखर हस्ताक्षर अजय अंजाम ने अपनी राष्ट्रीय पंक्तियों से श्रोताओं में जोश भर डाला।
देश के स्वातंत्र्य रण में जो हुए बलिदान उनको
याद करना मान देना हम सभी का फर्ज है
भारती की राह में जो सर कफ़न बांधे चले
हमपे उन सेनानियों की वीरता का कर्ज़ है ।
तत्पश्चात उन्नाव से पधारी कवियत्री प्रियंका शुक्ला ने अपनी श्रृंगार की पंक्तियों से लोगों का दिल जीत लिया।
किसी झरने सा बहता है,वो कलकल रोज़ करता है…।
मेरी सादालिबासी को, वो मलमल रोज़ करता है …।
मेरे भीतर बहुत भीतर किसी अनजान कौने में,
कोई मासूम सा लड़का , जो हलचल रोज़ करता है ..।।
मऊ जनपद से पधारे ओज के प्रख्यात कवि पंकज प्रखर ने अपनी राष्ट्रीय पंक्तियों से आहलादित् किया ।
कुछ जयचंदों और जाफरों से भारत शर्मिंदा है ,
भूल न जाना इस धरती पर वीर हमीद भी जिंदा है।
कवि सम्मेलन के संयोजक गीतकार शैलेंद्र मधुर ने अपने गीतों की पंक्तियों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर डाला।
याद आता है झड़पना,
भूख से तेरा तड़पना ,
ढूंढती नजरे तुम्हारी ,
नींद में था कौन सपना,
पास आ जाओ सवालों में घिरा हूं
लोग कहते हैं कि मैं एक सिरफिरा हूं ।
इसके बाद हास्य व्यंग के प्रख्यात कवि अखिलेश द्विवेदी ने अपनी पंक्तियों से भरपूर हंसाया। चच्चा ने राजनीति में बच्चा जिसे समझा ,बच्चा वही चच्चा का भी चच्चा निकल गया।
तदुपरांत हास्य-व्यंग्य के चर्चित कवि नजर इलाहाबादी ने अपनी रचनाओं से भरपूर गुदगुदाया।
हाँ हुजूर मैं तो ध्यान भटकाने का आईडिया हूं,
मैं और कुछ नहीं हिंदुस्तानी मीडिया हूं
तदुपरांत युवा कवि उसका चर्चित हस्ताक्षर अमित आभास ने अपनी कविताओं से लोगों में जोश भर डाला।
आजाद के पिस्टल की गोली का छर्रा हूं
हास्य कवि योगेश झमाझम ने अपनी कविताओं से श्रोताओं हूं को भरपूर हंसाया, ईलू जो कहा उसने तो तारे नजर आए, फिर चप्पलों की होने लगी बरसात झमाझम ।
कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी, भाजपा महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी सांसद फूलपुर श्रीमती केसरी देवी पटेल सांसद प्रयागराज डॉ रीता बहुगुणा जोशी इंजीनियर हर्षवर्धन बाजपेई विधायक प्रख्यात समाजसेवी प्रमोद बंसल बाबा अभय अवस्थी पुनीत वर्मा, पदुम जायसवाल, लल्लू सौरभ ,उपस्थित रहें।उक्त समारोह में विशिष्ट जनों को सम्मानित भी किया गया। जिसमें अमरेंद्र नाथ सिंह, अनिल गुप्ता , अन्नु भैया, ठाकुर संजय सिंह बैध, सुजीत सोनकर बृजमोहन हेला , मुकेश जायसवाल, अब्दुल अजीम अंकित जायसवाल, सभी सम्मानित बंधुओं को स्मृति चिन्ह व शाल भेंट कर सम्मानित किया गया।