इमामबाड़ा सफदर अली बेग में निकाला गया ज़ुलजनाह
शाहगंज पानदरीबा स्थित इमामबाड़ा सफदर अली बेग में माहे मोहर्रम के अशरे की चौथी मजलिस के बाद हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के वफादार घोड़े ज़ुलजनाह की शबीह निकाली गई।सफेद चादर को लाल रंग से खून आलूदा कर उसपर गुलाब व चमेली के फूलों से सजा कर ज़ियारत को निकाला गया।मिर्ज़ा बाबर बेग व मिर्ज़ा जहांगीर ने मर्सिया पढ़ा तो मौलाना आमिरुर रिज़वी साहब क़िब्ला ने शहादत ए इमाम हुसैन व अन्य शहीदों का ज़िक्र किया। अन्जुमन अब्बासिया के नौहाख्वानो डॉ अबरार ,फ़ैज़ जाफरी ,हुसैन मेंहदी मोनू आदि ने पुरदर्द नौहा पढ़ा।इसी क्रम में रानी मण्डी ,चक ज़ीरो रोड , बख्शी बाज़ार , रानीमंडी , करैली करैलाबाग़ शाहगंज दरियाबाद रौशनबाग़ सहित अन्य मोहल्लों में चौथी मोहर्रम पर मजलिसें आयोजित कर करबला के शहीदों को खेराजे अक़ीदत पेश की।
*मुज़फ्फर हुसैन के अज़ाखाना से हज़रत अली अकबर के ताबूत के साथ निकला जुलूस*
दरियाबाद में इमामबाड़ा स्व सैय्यद मुज़फ्फर हुसैन से चार मोहर्रम का क़दीमी जुलूस अक़ीदत व ऐहतेराम के साथ निकाला गया ।जुलूस कमाल खां के टेकरे से होता हुआ मस्जिद इमाम ए रज़ा पर ठहरने के उपरान्त दरगाह हज़रत अब्बास पर पहुंच कर सम्पन्न हुआ।जुलूस से पूर्व ज़ाकिरे अहलेबैत अशरफ अब्बास खां ने मजलिस को खिताब किया। अन्जुमन हुसैनिया क़दीम अन्जुमन मोहाफिज़े अज़ा क़दीम के नौहाख्वानो ने पुरदर्द नौहा पढ़ते हुए जुलूस में शामिल रहे।शबीह ए ताबूत अली अकबर व अलम भी साथ साथ रहा।
अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया के प्रवक्ता सैय्यद मोहम्मद अस्करी के मुताबिक़ सोमवार को दिन में दो बजे पान दरीबा स्थित इमामबाड़ा सफदर अली बेग की पांचवीं मजलिस में अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया नौहा व मातम का नज़राना पेश करेगी उससे पहले दिन में ११ बजे चक ज़ीरो रोड स्थित इमामबाड़ा डिप्यूटी ज़ाहिद हुसैन में मौलाना सैय्यद रज़ी हैदर रिज़वी साहब क़िब्ला की तक़रीर के बाद अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया नौहा और मातम का पुरसा पेश करेगी। दरियाबाद पठनवल्ली स्थित इमामबाड़ा अबुल हसन जहां ग़दर के समय से मजलिस क़ायम उसी इमामबाड़े पर अशरे की पांचवीं मजलिस सोमवार को रात्रि आठ बजे होगी जिसे खतीब ए अहलेबैत रज़ा हसनैन एडवोकेट खिताब करेंगे।शबीह ए ज़ुलजनाह निकाला जाएगा।अन्जुमन हाशिमया के नौहाख्वानो के नौहों की प्रस्तुति के बाद अन्जुमन के सदस्यों द्वारा तेज़ धार की छूरीयों से लैस ज़ंजीरों का मातम भी होगा।