मेरी माटी मेरा देश के तहत कवियों ने विभाजन विभीशिका के दर्द को बताया
हिन्दुस्तानी एकेडेमी उत्तर प्रदेश, प्रयागराज के तत्वावधान में आजादी का अमृत महोत्सव के समापन समारोह के अंतर्गत ‘मेरी माटी मेरा देश’ कार्यक्रम के क्रम में एकेडेमी के गांधी सभागार में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन किया गया। इस अवसर पर विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर हिन्दुस्तानी एकेडेमी द्वारा पुस्तक प्रदर्शनी लगाई गई। कवि गोष्ठी में रचनाकार रचनाओं साथ में संलग्न है। कार्यक्रम के प्रारंभ में मंचासीन सम्मानित कवियों का स्वागत पुष्पगुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह से एकेडेमी सचिव देवेंद्र प्रताप सिंह ने किया। अतिथियों का स्वागत करते हुए एकेडेमी के सचिव देवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि देश में मनाये जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के समापन समारोह के अंतर्गत ‘मेरी माटी मेरा देश’ कार्यक्रम में आज कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है। कवियों की वाणी और कलम में बहुत ताकत होती है। स्वतंत्रता आंदोलन के समय गली गली में देशभक्ति की कविताएं पूछ रही थी आजादी के तराने से पूरा देश गुंजायमान था आज भी उन कविताओं को गीतों को सुनकर मन उत्साह उत्साह से भर उठता है। आज के कवि सम्मेलन के मूल में भी देशभक्ति और शौर्य समाहित है। आपके कंठ से वीर रस और देशभक्ति से वातावरण सराबोर हो जाएगा। इस अवसर पर रचना पाठ करने वाले कवियों में वीरेंद्र तिवारी, मखदूम फूलपुरी, पीयूष मिश्रा ‘पियूष’, राजेश सिंह ‘राज’ मोहम्मद एम एस खान ‘शाहिद इलाहाबादी’, वंदना शुक्ला, गरिमा सिंह, संक्षेप बरनवाल, आकांक्षा बुंदेला, रिंकी खान ने काव्य पाठ किया। कवियों ने वीर रस से परिपूर्ण एवं सौर्य से भरी कविताओं को प्रस्तुत किया। जिससे श्रोता उत्साह से भर गए। धन्यवाद ज्ञापन एकेडमी के प्रशासनिक अधिकारी गोपाल जी पांडे ने किया। इस अवसर पर शहर के गणमान्य व्यक्तियों साहित्यकारों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रहे।