आईजेक फ्रैन्क द्वारा लगाये गये सभी आरोप झूठे और मनगढ़तः शुआट्स
– ब्लैकमेलिंग के लिये झूठा आरोप लगा रहा है आईजेक फ्रैन्क
आदरणीय पत्रकार बन्धुओ।
आप सभी को सादर अवगत कराना है कि आईजेक फ्रैन्क शुआट्स का एक बर्खास्त कर्मचारी रहा है, जो बर्खास्त होने के बाद से दुर्भावनपूर्ण ब्लैकमेलिंग हेतु अधिकारियों पर अनैतिक दबाव बनाने के लिये शासन-प्रशासन को गुमराह करने के लिऐ शासन-प्रशासन को झूठे शिकायती पत्र भेजकर शुआट्स व इसके कुलाधिपति, कुलपति व अन्य अधिकारियों की छवि धूमिल करने का कृत्य किया जा रहा है। विभिन्न सरकारी एजेन्सियों द्वारा संपादित जाँच में आईजेक फ्रैन्क की शिकायतें असत्य एवं निराधार पाई जा चुकी हैं। अब आईजेक फ्रैन्क द्वारा एक बार फिर ब्लैकमेलिंग की नियत से फतेहपुर इवेंजिकल चर्च आफ इंडिया (ईसीआई) धर्मान्तरण प्रकरण में शुआट्स अधिकारियों को झूठा फंसाने के लिए असत्य, मनगढ़न्त व कपोलकल्पित आरोप लगाया रहा है।
विश्वविद्यालय अभिलेखों के अनुसार आईजेक फ्रैन्क द्वारा लिखित पत्र दिनांकित 06.04.2016 में उसने स्वीकार किया है कि वह 2007 से विश्वविद्यालय के बोर्ड में सदस्य नहीं रहा। आईजेक फ्रैन्क को जाँच समिति द्वारा विश्वविद्यालय विरोधी गतिविधियों, विश्वविद्यालय की छवि धूमिल करने, विश्वविद्यालय के शान्तिपूर्ण माहौल को खराब करने, सेवा शर्तों के उल्लंघन आदि का दोषी पाया गया जिसके उपरान्त उसे दिनांक 27.09.2017 को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। ऐसे में आईजेक फ्रैन्क जानबूझकर कपट एवं जालसाजी करके फर्जी बोर्ड आफ डायरेक्टर्स के सदस्य के रूप में झूठा बयान व भ्रामक तथ्य फतेहपुर पुलिस के समक्ष प्रस्तुत कर रहा है। वास्तविकता यह है कि आईजेक फ्रैन्क का शुआट्स के प्रबन्धन बोर्ड एवं संस्थापक सोसाइटी से दूर-दूर तक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कोई सम्बन्ध नहीं है। शुआट्स के एकाउन्ट से हुए 24 करोड़ के गबन के सम्बन्ध में शुआट्स द्वारा सी0बी0आई0 जाँच का अनुरोध किया गया था जिस पर एक्सिस बैंक गबन की विवेचना सी0बी0आई0 द्वारा की गई थी जिसमें स्वयंभु गवाह बनकर अपने को प्रबंधन समिति का सदस्य बताकर आईजेक फ्रैन्क ने झूठे आरोप एवं भ्रामक तथ्य प्रस्तुत किये लेकिन सी0बी0आई0 द्वारा दाखिल चार्जशीट में शुआट्स के किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई आरोप सत्य नहीं पाये गये। प्रवर्तन निदेशालय (ई0डी0) की जांच में भी स्वयं को प्रबंधन समिति का सदस्य बताकर आईजेक फ्रैन्क ने झूठे आरोप एवं भ्रामक तथ्य प्रस्तुत किये किन्तु ई0डी0 ने अपनी जाँच में शुआट्स अधिकारियों पर लगाये गये सभी आरोप असत्य पाये। एक्सिस बैंक द्वारा शुआट्स के एकाउन्ट से किये 24 करोड़ के घोटाले को आईजेक फ्रैन्क द्वारा शुआट्स के मृत प्रोफेसर डा0 विल्सन किस्पोटा के आईसीआईसीआई बैंक से जोड़कर विवेचना को गुमराह करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। पूर्व में भी आईजेक फ्रैन्क द्वारा कुलपति डा. आर.बी. लाल पर करोड़ों रूपये के शिक्षा घोटाले सहित तमाम आरोप लगाये गये थे। आईजेक फ्रैन्क की शिकायत पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जांच कराई गई थी जांच आख्या दिनांकित 28.11.2013 में आईजेक फ्रैन्क के आरोपों की पुष्टि नहीं पाई गई। इसी प्रकार आईजेक फ्रैन्क की शिकायत पर सहायक रजिस्ट्रार, फम्र्स, सोसायटीज एवं चिट्स, प्रयागराज द्वारा वर्ष 2004-05 से 2010 तक की आडिट जांच दिनांकित 31.08.2010 में जांचोपरान्त आईजेक फ्रैन्क के शिकायती पत्र को निरस्त किया जा चुका है
विश्वविद्यालय के आय-व्यय प्रलेखों का समय-समय पर संपरीक्षा की जाती है साथ ही महालेखाकार कार्यालय (ए.जी. आफिस) द्वारा भी संपरीक्षा की जाती है जिसमें संस्था का क्रियाकलाप नियमानुसार एवं सामान्य रूप से संचालित किया जाना पाया गया। आईजेक फ्रैन्क द्वारा कुलपति डा. आर.बी. लाल को बदनाम करने व साजिश के तहत धर्मानतरण प्रकरण में फंसाने की साजिश के तहत उनके खातों में सन् 2013 में 5 लाख डालर प्राप्त करने का झूठा मनगढ़न्त आरोप लगाया गया है। सत्यता यह है कि कुलपति डा. आर.बी. लाल के किसी खाते में कभी भी कोई विदेशी फंड या धनराशि प्राप्त नहीं की गई है किसी भी देश-विदेश की संस्थाओं का डा. आर.बी. लाल के एकाउंट से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं है। कुलपति डा. आर.बी. लाल के बैंक खाते के लेन-देन का सम्पूर्ण विवरण जाँच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ई0डी0) के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। ई0डी0 की जांच में डा. आर.बी. लाल के खातों में कोई वित्तीय अनियमितता नहीं पाई गई है। रमाकान्त दूबे ने बताया कि शुआट्स का एफ0सी0आर0ए0 विगत कई वर्षों से संचालित नहीं है। यीशु दरबार चर्च के नाम से कभी भी कोई एफ0सी0आर0ए0 खाता संचालित नहीं है, ऐसे में विदेशी वित्तीय मुद्रा प्राप्त किये जाने का आरोप असत्य एवं बेबुनियाद है। अमेरिका, कनाडा, लंदन से बैंक आफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, साउथ इंडियन बैंक, सेन्ट्रल बैंक, आईडीबीआई बैंकों में विदेश से किसी प्रकार की कोई धनराशि नहीं प्राप्त की गई है। आईजेक फ्रैन्क द्वारा मनगढ़न्त आरोप एवं भ्रामक तथ्य प्रस्तुत किये गये हैं।
यीशु दरबार चर्च में खुले वातावरण में आराधना व प्रार्थना होती है जिसका सीधा प्रसारण (लाइव टेलीकास्ट) यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से किया जाता है जिसे कोई भी देख एवं सुन सकता है। इन सभाओं में किसी भी धर्म के संबंध में कभी भी किसी प्रकार की टिप्पणी नहीं की गई है। किसी प्रकार का धर्मांतरण, प्रलोभन अथवा लालच नहीं दिया जाता है। अतएव यीशु दरबार चर्च में धर्मांतरण का अरोप बिल्कुल असत्य एवं बेबुनियाद है। बर्खास्तगी के पूर्व आईजेक फ्रैन्क, यीशु दरबार चर्च सभा में परिवार समेत सम्मिलित हो चुका है उस दौरान कभी भी उसने धर्मांतरण के आरोप नहीं लगाये किन्तु आईजेक फ्रैन्क ने उ0प्र0 विधि विरूद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2021 को हथियार के रूप में इस्तेमाल करके ब्लैकमेलिंग एवं अनैतिक दबाव बनाने के लिये फतेहपुर धर्मांतरण प्रकरण में शुआट्स अधिकारियों को फंसाने का षड्यंत्र कर रहा है, जबकि इवैन्जलिकल चर्च आफ इण्डिया एवं मिशन हास्पिटल से शुआट्स अथवा शुआट्स के किसी अधिकारी का कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सम्बन्ध नहीं है। शुआट्स मीडिया प्रभारी डा. रमाकान्त दूबे ने आईजेक फ्रैन्क के आरोपों का खंडन करते हुए बताया कि रायबरेली में कोई थियोलाॅजी काॅलेज नहीं खोला गया है। अजमेर, बंगलौर, इटावा, मीरजापुर, लखनऊ, रूड़की, रायबरेली में भी शुआट्स द्वारा कोई यीशु दरबार स्कूल संचालित नहीं किया जा रहा है। आईजेक फ्रैन्क द्वारा लगाये गये सभी आरोप असत्य, मनगढ़न्त व कपोलकल्पित हैं।
शुआट्स द्वारा आईजेक फ्रैन्क के खिलाफ दर्ज मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है जिसमें ये आरोपित भी सिद्ध हो चुका हैं। पुलिस अधीक्षक की जांच आख्या दिनांकित 08.06.2012, क्षेत्राधिकारी करछना की जांच रिपोर्ट दिनांकित 03.06.2012 में सिद्ध हो चुका है कि आईजेक फ्रैन्क आए दिन शुआट्स अधिकारियों के विरूद्ध मनगढ़न्त आरोप लगाकर प्रार्थना पत्र देते रहते हैं। उ0प्र0 विधान सभा में पूछे गये प्रश्न के सम्बन्ध में भी विशेष सचिव, गृह (पुलिस अनुभाग) द्वारा दिनांकित 18.11.2009 में स्पष्ट किया गया है कि आईजेक फ्रैन्क एक आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है जो व्यक्तिगत नाराजगी के कारण कृषि विश्वविद्यालय अधिकारियों पर बेवजह गलत दबाव बनाने की नियत से तरह-तरह की शिकायत करता रहता है। एसएसपी, इलाहाबाद द्वारा भी प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रेषित पत्र दिनांकित 08.05.2012 में उल्लेखित किया है कि आईजेक फ्रैन्क आदि शुआट्स अधिकारियों के विरूद्ध मनगढ़न्त आरोप लगाकर प्रार्थना पत्र देते हैं।
आईजेक फ्रैन्क के खिलाफ दर्ज एक मुकदमे में मा0 न्यायालय में बहस चल रही है। शुआट्स पर पैरवी न करने का दबाव बनाने के लिये एवं ब्लैकमेलिंग व धन उगाही के लिये आईजेक फ्रैन्क द्वारा कपट व जालसाजी के तहत अपने को शुआट्स का बोर्ड मेम्बर बताकर झूठा, मनगढ़न्त आरोप लगाया गया है जिसमें इंच मात्र भी सच्चाई नहीं है।